एजेंसी,नई दिल्ली। भारत ने बंगलादेश के साथ अपने संबंधों को दो मित्र पड़ोसी देशों के बीच साझेदारी को विश्व के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बताते हुए शनिवार को आपसी सहयोग के सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए और तीन संयुक्त परियोजनाओं का शुभारंभ किया। जिन सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए उनमें चटगांव एवं मंगला बंदरगाह के परिचालन की मानक प्रक्रिया, फेनी नदी से त्रिपुरा के सबरूम कस्बे के लिए पेयजल आपूर्ति के लिए 1.82 क्यूसेक पानी के उपयोग और समुद्र तटीय सुरक्षा निगरानी के करार के साथ ही हैदराबाद एवं ढाका विश्वविद्यालयों के बीच आदान-प्रदान, सांस्कृतिक एवं युवा मामलों में आदान-प्रदान तथा आसान शर्तों पर ऋण के समझौते भी शामिल हैं।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत में बंगलादेश से रसोई गैस के आयात, व्यावसायिक प्रशिक्षण और सामाजिक सुविधा वाली तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस मौके पर ने कहा कि बंगलादेश से एलपीजी की आपूर्ति दोनों देशों को फायदा पहुंचाएगी। इससे बंगलादेश में नियार्त, आय एवं रोजगार भी बढ़ेगा।
परिवहन दूरी पंद्रह सौ किलोमीटर कम हो जाने से आर्थिक लाभ भी होगा और पयार्वरण को भी नुकसान कम होगा। दूसरी परियोजना बंगलादेश भारत व्यावसायिक कौशल विकास संस्थान, बांग्लादेश के औद्योगिक विकास के लिए कुशल कामगार और टेक्निशियन तैयार करेगा। ढाका के रामकृष्ण मिशन में विवेकानंद भवन में स्वामी विवेकानंद परियोजना जो दो महामानवों के जीवन से प्रेरणा लेती है। हमारे समाजों और मूल्यों पर स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद का अमिट प्रभाव है।