चंडीगढ़। विधानसभा चुनावों में प्रदेश में अबकी बार वोटिंग के प्रति लोगों में उत्साह नहीं नजर आया, पिछली बार की तुलना में कम वोटिंग हुई। चुनाव आयोग ने अधिकारिक रूप से सूचना जारी करते बताया कि करीब 68.47 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है, हालांकि इसमें बढ़ोतरी की संभावना है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि कुल लगभग 1 करोड़ 83 लाख 90 हजार 525 मतदाता हैं और अंतिम जानकारी के अनुसार करीब 65 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया है। पिछली बार साल 2014 में हुई चुनावों में करीब 76.54 फीसद लोगों वे अपने मत का इस्तेमाल किया था। सबसे ज्यादा वोटिंग टोहाना में 80.56 प्रतिशत तो सबसे कम गुरुग्राम में 48.20 फीसद ही वोटिंग हुई। अगर जिलों के लिहाज से देखें तो सबसे ज्यादा वोटिंग फतेहाबाद में हुई व वोटिंग प्रतिशत 74.49 रहा जबकि सबसे कम वोटिंग गुरुग्राम में 52.52 फीसद ही हुई।
1.25 लाख कर्मचारियों व 75 हजार पुलिसकर्मियों ने निभाई ड्यूटी : चुनाव आयोग ने बताया कि चुनावी ड्यूटी पर 1.25 कर्मचारी तैनात रहे और करीब 75 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी। 130 कंपनियां सीआरपीएफ व सीआईएसएफ की बुलाई गई थी।
दिव्यांगों को मिली विशेष सुविधाएं: करनाल में मूक एवं बधिर मतदाताओं के लिए एक वीडियो के माध्यम से सांकेतिक भाषा समझाई गई, ताकि अपनी पसंद के उम्मीदवार को मतदाता अपना वोट दे सकें। इसी प्रकार, बुजुर्गों एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए, ताकि उनको मतदान करने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
वेब कास्टिंग की व्यवस्था भी थी: मतदान केन्द्रों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था की गई है, जिसका सीधा प्रसारण कंट्रोल रूम में देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर ‘कम्युनिकेशन-ऐप’ बनाया गया है, जिसके माध्यम से चंडीगढ़ मुख्यालय से प्रदेश के किसी भी निर्वाचन अधिकारी से सीधी बात कर सकते हैं तथा जानकारी साझा कर सकते हैं।
नहीं आई पुनर्मतदान की कोई शिकायत: अग्रवाल ने बताया कि अभी तक किसी भी व्यक्ति द्वारा पुनर्मतदान करवाने के लिए शिकायत नहीं की गई। अगर किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत की जाती है तो पहले इस मामले को संबंधित रिर्टनिंग आॅफिसर तथा आॅब्जर्वर द्वारा जांच-पड़ताल करके अपनी ओर से स्वीकृति देकर अंतिम स्वीकृति के लिए भारत निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया जाता है।
13 एफआईआर दर्ज : अग्रवाल ने बताया कि कुछ शिकायतें मिलने पर राज्य में कुल 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें नूंह में 7, रोहतक में 4 तथा नारनौल क्षेत्र में 2 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
शिकायतों पर तुरंत एक्शन लिया गया और जरुरी कार्रवाई की गई। एडीजीपी, कानून व्यवस्था नवदीप सिंह विर्क ने बताया कि छिट-पुट घटनाओं को छोड़कर प्रदेश में लगभग शांतिपूर्वक चुनाव हुआ है। कानून व्यवस्था भंग होने की कोई भी बड़ी सूचना नहीं आई है।
भाजपा को मिला था 33.2 फीसद वोट शेयर: पिछली बार के चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भाजपा को कुल वोट बैंक का 33.2 फीसद वोट बैंक मिला था तो इनेलो को 24.1 फीसद लोगों ने वोट डाली, इनके अलावा कांग्रेस को 20.6 लोगों ने वोट डाली, वहीं हजकां जो कि बाद में कांग्रेस में ही समाहित हो गई, को 3.6 प्रतिशत और बसपा को 4.4 लोगों ने वोट दी।
चुनाव वाले दिन ईवीएम गड़बड़ी को लेकर मिली 15 शिकायतें: ईवीएम टेंपरिंग को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार संदेह तो जता ही रही हैं, साथ में रिजल्ट आने तक उनकी सेफ्टी को लेकर विपक्षी पार्टियों को संशय है। गत लोकसभा चुनाव में फतेहाबाद में एक जगह ट्रक में मशीन शिफ्ट कहीं अन्य जगह ले जाने का मामला सामने आया था तो पानीपत में सरकारी वाहन में खुले में ईवीएम पाई गई जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने लगातार सवाल खड़े किए थे। वोटिंग वाले दिन 21 अक्टूबर को भी चुनाव आयोग के पास दोपहर तक ही मशीन में खराबी व छेड़छाड़ की 15 शिकायतें आ चुकी थी। हालांकि चुनाव आयोग ईवीएम टेपरिंग संभावना को भी सिरे से नकारता आया है।
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