आज समाज डिजिटल, उदयपुर:
नवरात्र आत्म चिंतन और प्रकृति से एकाकार होने का पर्व है। इस पर्व के साथ हमारी सनातन परम्परा, सजगता और ऋतु जनित बीमारियों से लड़ने की तैयारी भी है। यह बात सोमवार को राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने नारायण सेवा संस्थान के बड़ी परिसर में 501 दिव्यांग कन्याओं के पूजन पर मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने कहा कि यह पर्व समाज को स्वस्थ्य रहने के लिए शारीरिक अनुशासन का भी संदेश देता है।
स्वास्थ्य के लिए चिंतित है आम आदमी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आम आदमी के स्वास्थ्य की चिंता को लेकर ही चिरंजीवी योजना की शुरूआत की। उन्होंने दिव्यांगजन के शिक्षण-प्रशिक्षण, चिकित्सा और पुनर्वास के क्षेत्र में नारायण सेवा संस्थान को प्रेरक संस्था बताते हुए सरकार के स्तर हर सम्भव सहायता के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि पैसा तो बहुतों के पास होता है लेकिन दीन-दुखियों की सेवा में जो पैसा लगे वही सार्थक हैं। उन्होंने संस्थान में ऑपेशन के लिए आए दिव्यांगजन से भेंट कर उन्हें फल बांटे व संस्थान के प्रकल्पों का अवलोकन किया। आरम्भ में संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाश मानव ने उनका व अतिथियों का स्वागत किया। संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने राजस्व मंत्री को अभिनन्दन पत्र भेंट करते हुए संस्थान के निःशुल्क सेवा प्रकल्पों की जानकारी दी।
कन्या पूजन में ये लोग रहे शामिल
कन्या पूजन में शामिल विशिष्ट अतिथि जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा, राज्य श्रम सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली, जिला परिवहन अधिकारी कल्पना शर्मा, गिर्वा प्रधान सज्जन कटारा, उप महापौर पारस सिंघवी ने भी आयोजन को सम्बोधित किया। सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष हरीश राजानी, पुलिस उपअधीक्षक तपेन्द्र कुमार, कांग्रेस नेता गोपाल कृष्ण शर्मा, पार्षद देवेन्द्र साहू, सरपंच मदन पण्डित, कमल पाहुजा, मनोज बिसारथी भी उपस्थित थे। निदेशक वंदना अग्रवाल ने बताया कि सभी 501 कन्याओं के दिव्यांगता सुधार के निःशुल्क ऑपरेशन इन नौ दिनों में संस्थान में ही सम्पन्न हुए। ये कन्याएं अब सकलांग होकर सुगम जीवन जीयेंगी।