Punjab-Haryana High Court News: हरियाणा में एडीजे नियुक्ति के लिए 50 प्रतिशत नंबर जरूरी: हाईकोर्ट

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Punjab-Haryana High Court News: हरियाणा में एडीजे नियुक्ति के लिए 50 प्रतिशत नंबर जरूरी: हाईकोर्ट
Punjab-Haryana High Court News: हरियाणा में एडीजे नियुक्ति के लिए 50 प्रतिशत नंबर जरूरी: हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रिटेन और ओरल एग्जाम में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए एडीजे चयन मानदंड को रखा बरकार
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रिटेन और ओरल एग्जाम में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए एडीजे चयन मानदंड को बरकार रखा है। इस मामले को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता, जो पहले से तय न्यूनतम अंक प्राप्त करने में विफल रहा, नियुक्ति के लिए अयोग्य था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यह निर्धारित करने का अधिकार संबंधित अथॉरिटी का है।

कोर्ट ने कहा है कि न्यायिक पदों के लिए सर्वोच्च योग्यता वाले उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करने के लिए पात्रता की शर्तें निर्धारित करने का विशेषाधिकार विहित प्राधिकारी के पास है। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ ने कहा कि, न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की आवश्यकता महज एक प्रक्रियात्मक औपचारिकता नहीं है, न ही यह कोई ऐसी सीमा है, जिसे न्यायिक विवेक पर नजरअंदाज किया जा सकता है। बल्कि, यह पात्रता के लिए एक अनिवार्य शर्त है।

किसी व्यक्तिगत उम्मीदवार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कम नहीं की जा सकतीं पात्रता की शर्तें

याचिकाकर्ता की अनुग्रह अंकों की मांग पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसी मांग कानूनी रूप से अस्वीकार्य है और सार्वजनिक रोजगार में निष्पक्षता और समानता के संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत है। कोर्ट ने कहा कि पात्रता की शर्तें, एक बार कानूनी रूप से निर्धारित हो जाने के बाद, किसी व्यक्तिगत उम्मीदवार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कम नहीं की जा सकतीं, उन्हें कम नहीं किया जा सकता या उनमें फेरबदल नहीं किया जा सकता।

50% अंकों में छूट की मांग

याचिकाकर्ता ने 50 प्रतिशत योग्यता अंक मानदंड में छूट की मांग की थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि प्रतिस्पर्धी चयन प्रक्रिया में कोई निश्चित सीमा नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि न्यायिक पदों के लिए उच्चतम क्षमता वाले उम्मीदवारों के चयन को सुनिश्चित करने के लिए पात्रता शर्तें निर्धारित करने का विशेषाधिकार निर्धारित करने वाले प्राधिकारी के पास है। निर्णय में कहा गया, यह चयन प्राधिकारी के विशेषाधिकार के अंतर्गत आता है कि वह ऐसे मानदंड निर्धारित करे जो उच्चतम क्षमता वाले उम्मीदवारों की भर्ती सुनिश्चित करते हैं, विशेष रूप से महत्वपूर्ण न्यायिक जिम्मेदारी वाले पद के लिए।

याचिकाकर्ता का अनुरोध कानूनी रूप से अस्वीकार्य

बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायशास्त्र का हवाला देते हुए कहा कि जब तक लागू नियमों में स्पष्ट रूप से प्रावधान न किया गया हो, अंकों को पूर्णांकित करने के विरुद्ध है। हरियाणा सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विस रूल्स, 2007 में किसी भी छूट या अनुग्रह अंकों की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे याचिकाकर्ता का अनुरोध कानूनी रूप से अस्वीकार्य हो गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि कानून किसी व्यक्ति के पक्ष में किसी भी तरह की तरजीही या तदर्थ छूट का समर्थन नहीं करता है।

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