लुधियाना होजरी उद्योग को 50 करोड़ का नुकसान

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तालिबान का अफगानिस्तान के कब्जे से हुआ नुकसान
दिनेश मौदगिल, लुधियाना:
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद बने हालातों से लुधियाना होजरी उद्योग पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है और इस औद्योगिक नगरी के होजरी उद्योग को लगभग 50 करोड़ रुपए के नुकसान होने का अनुमान है। इसमें मुख्य शॉल और विंटर सीजन संबंधी कपड़े के उद्योग शामिल हैं। अभी व्यापार के लिए वहां माहौल बिल्कुल अच्छा नहीं है। जिसको लेकर शहर के होजरी व्यापारी काफी परेशान हैं। इस संबंध में निटवियर एंड टेक्सटाइल क्लब के प्रधान विनोद थापर और महासचिव चरणजीव सिंह ने आज समाज से विशेष बातचीत की। उन्होंने बताया कि वह पिछले लगभग 15 वर्षों से अफगानिस्तान के बिजनेस के साथ जुड़े हुए हैं और वहां से ग्राहक जहां आकर माल बनवाते थे और पेमेंट भी तुरंत मिलती थी । छोडी और मोहिनी का माल ज्यादा अफगानिस्तानी खरीदते थे । वहां सर्दी ज्यादा होने के कारण व्यापारी गर्म कपड़े की ज्यादा खरीदारी करते थे। जिस कारण शॉल और गर्म कपड़े की मांग ज्यादा रहती है। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यहां से एक्सपोर्ट होकर माल दुबई जाता था और दुबई से अफगानिस्तान और फिर वहां से पाकिस्तान जाता था। जिस कारण पाकिस्तान से भी होजरी व्यापार को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अभी 5 से 10% व्यापार इनक्रीज हो रहा था कि वहां बने इन हालातों के कारण होजरी उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। विनोद थापर और चरणजीव ने बताया कि व्यापार के लिए अभी वहां का माहौल बिल्कुल अच्छा नहीं है , मगर जब हमने फोन पर वहां के व्यापारियों के साथ बात की, तो उन्होंने बताया कि अभी माहौल अच्छा बन जाएगा। उन्होंने कहा कि मगर हम मीडिया रिपोर्ट पर ज्यादा विश्वास करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन, पाकिस्तान और तालिबान की तिकड़ी देश के लिए ज्यादा चिंता का विषय है। जिससे देश को नुकसान हो सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि अफगानिस्तान में फंसे देश के लोगों की जानमाल की सुरक्षा करनी चाहिए और वहां एक जहाज भेज कर वहां से लोगों को निकालना चाहिए। उन्होंने सरकार से होजरी उद्योग को रिलीफ देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि पहले ही कोरोना महामारी के कारण होजरी उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो चुका है और उसके पश्चात अफगानिस्तान की घटना के कारण होजरी उद्योग को और भी अधिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस कारण सरकार व्यापारियों को राहत दे और इसके साथ-साथ अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों लोगों को सुरक्षित देश में लेकर आए।