5 acres of land not needed in bailout – Asaduddin Owaisi: खैरात में नहीं चाहिए 5 एकड़ जमीन- असदुद्दीन ओवैसी

0
244

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को राम मंदिर और बाबारी मस्जिद विवाद पर सर्वसम्मति के फैसले से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र को निर्देश दिया कि मस्जिद के निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए। राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का पटाक्षेप सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया। लगभग सभी लोगों ने इस फैसले को सहर्ष स्वीकार किया। हालांकि फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी खुश नहीं दिखे। उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असंतुष्टि जताई और कहा कि मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। साथ ही मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ओवैसी ने ये कहकर मानने से इनकार कर दिया कि हम खैरात की जमीन नहीं ले सकते। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका निजि विचार है, मगर सुन्नी बक्फ बोर्ड को इसका फैसला लेना है कि वह इस जमीन के प्रस्ताव को मानते हैं या नहीं। ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद ढाहाई नहीं गई होती तो क्या यही निर्णय आता। मुझे नहीं मालूम। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुप्रीम है, मगर इन्फैलेबेल नहीं है। ओवैसी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। भारत के नागरिक होने के नाते मेरा अधिकार है कि मैं कोर्ट के फैसले से असंतुष्टि जताऊं। क्या इस देश में हमें बोलने की आजादी नहीं है। मुल्क हिन्दू राष्ट्र के रास्ते पर जा रहा है। संघ इसे अयोध्या से शुरूआत करेगी। एनआरसी का भी वो इस्तेमाल करेगी। ओवैसी ने आगे कहा कि मैं अपनी निजि घर का सौदा कर सकता हूं, मगर मस्जिद की जमीन का सौदा नहीं कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैं आने वाली अपनी नस्लों को जरूर बताऊंगा कि यहां पहले मस्जिद हुआ करती थी।हमें 5 एकड़ जमीन खैरात नहीं चाहिए। हमें किसी से भीख की जरूरत नहीं है। मुस्लिम बोर्ड क्या फैसला लेगा ये उनका मसला है। मेरी निजी राय है कि हमें पांच एकड़ के प्रस्ताव को रिजेक्ट करना चाहिए।