Chandigarh News: लिवासा हॉस्पिटल, अमृतसर ने अपनी इन-हाउस ऑडिटोरियम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें ऑर्थोपेडिक देखभाल के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि — एआई और वीआर-सहायता प्राप्त घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी — को प्रस्तुत किया गया। इस आयोजन में क्षेत्रीय मीडिया और प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों की उत्साही भागीदारी देखने को मिली, जो उन्नत चिकित्सा तकनीकों के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
लिवासा हॉस्पिटल पंजाब का पहला ऐसा संस्थान बन गया है, जिसने अपने घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और वर्चुअल रियलिटी (VR) तकनीकों को शामिल किया है। यह कदम सर्जिकल सटीकता को एक नई ऊंचाई देगा, रिकवरी समय को कम करेगा और मरीजों के परिणामों को बेहतर बनाएगा।
लिवासा हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. पवन कुमार ने इस नवाचार के पीछे अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य हमेशा से उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं को महानगरों से बाहर तक पहुँचाना रहा है। एआई और वीआर-सक्षम सर्जरी की शुरुआत के साथ, हम अपनी टीमों को विश्वस्तरीय उपकरणों से सुसज्जित कर रहे हैं, जिससे मरीजों की सुरक्षा बढ़ेगी, सर्जरी की सटीकता बेहतर होगी और रिकवरी तेजी से होगी। यह केवल एक तकनीकी उन्नति नहीं, बल्कि मरीज-केंद्रित बदलाव है, जो पंजाब में वैश्विक स्तर की चिकित्सा लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. सुखपाल सिंह ने कहा “पारंपरिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी में अक्सर बड़ी चीरे, अधिक रक्तस्राव और लंबी रिकवरी का सामना करना पड़ता है। लेकिन एआई और वीआर तकनीक की मदद से हम सर्जरी से पहले ही जोड़ का 3D मॉडल बहुत ही विस्तृत रूप में देख सकते हैं।
इससे माइक्रो स्तर पर सटीकता मिलती है, रक्तस्राव कम होता है और कम इनवेसिव तकनीकों का उपयोग कर मरीज को जल्दी आराम मिलता है।न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जगबीर सिंह ने कहा, “सर्जिकल प्रक्रियाओं में एआई को शामिल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम न्यूरोलॉजिकल फीडबैक को रियल टाइम में समझ और प्रतिक्रिया कर सकते हैं। इससे ऑपरेशन के दौरान निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है और मरीज की संपूर्ण न्यूरोलॉजिकल स्थिति सुरक्षित रहती है।”