400th Prakash Parv of Shri Guru Tegh Bahadur Ji
24 अप्रैल को पानीपत में होगा राज्य स्तरीय समारोह – मनोहर लाल
आज समाज डिजिटल, चण्डीगढ़
हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में चल रहे देशव्यापी समारोहों की श्रृंखला में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने 24 अप्रैल, 2022 को पानीपत में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह के लिए आज सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा तैयार किए गए एक भक्ति गीत का विमोचन किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा डिजाइन किए गए हिंदी और पंजाबी दोनों भाषाओं में पोस्टर भी लॉन्च किए।
मुख्यमंत्री ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मार्च 2021 से, हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के उत्सव के उपलक्ष्य में देश में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्त्रम पहले ही शुरू हो चुके हैं। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण हरियाणा में अधिकांश कार्यक्त्रम नहीं हो पाए, लेकिन अब राज्य सरकार ने 24 अप्रैल, 2022 को राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह और करनाल से सांसद संजय भाटिया भी मौजूद रहे।
समारोह के सफल आयोजन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राज्य स्तरीय समारोह के सफल आयोजन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह की अध्यक्षता में इवेंट मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएं न केवल हमारे लिए एक दुर्लभ विरासत हैं बल्कि एक मजबूत और नैतिक रूप से प्रबुद्ध समाज के निर्माण के लिए सबसे महत्वपूर्ण नींवों में से एक हैं।
24 अप्रैल को पानीपत में होगा राज्य स्तरीय समारोह
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिन्द की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में 24 अप्रैल, 2022 को पानीपत में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया जाएगा। इस एक दिवसीय कार्यक्त्रम में हरियाणा, पंजाब के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से भी सिख श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में भाग लेने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि इस राज्य स्तरीय समारोह का उद्देश्य श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा प्रचारित सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे के संदेश का प्रचार करना है। हरियाणा न केवल श्री गुरु तेग बहादुर जी के साथ बल्कि सभी दस सिख गुरुओं के साथ एक विशेष बंधन साझा करता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा न केवल श्री गुरु तेग बहादुर जी के साथ बल्कि सभी दस सिख गुरुओं के साथ एक विशेष बंधन साझा करता है, क्योंकि उनमें से अधिकांश ने अपने जीवनकाल के दौरान राज्य के लगभग हर कोने में यात्रा की है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को दुनिया के सबसे महान मानवतावादी श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन से समर्पण और बलिदान की भावना सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समय-समय पर पूरे प्रदेश में सार्वजनिक सभाओं, राज्य स्तरीय समारोहों, सेमिनारों का आयोजन करके धर्म गुरुओं, संतों और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है।
2019 में सिरसा में किया गया था कार्यक्रम का आयोजन
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्त्रमों का आयोजन किया था जो करनाल से शुरू होकर यमुनानगर में संपन्न हुआ था। वर्ष 2019 में सिरसा में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व का भी आयोजन किया गया था।
उन्होंने कहा कि आज हमारा परम कर्तव्य बनता है कि श्री गुरु तेग बहादुर जी और अन्य धर्म गुरुओं और संतों की शिक्षाओं, विचारधाराओं और दर्शन को समाज में, विशेषकर युवाओं में प्रचारित प्राप्त करें। सरकार के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक संस्थान भी समाज को सांस्कृतिक रूप से आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा किए गए बलिदान के कारण ‘हिंद की चादर’ कहा जाता है 400th Prakash Parv of Shri Guru Tegh Bahadur Ji
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान के कारण ही पूरी मानवता ने उन्हें ‘हिंद की चादर’ की उपाधि से नवाजा है।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने न केवल हिंदुओं को जबरन धर्मांतरण से बचाया, बल्कि उन्होंने कश्मीरी पंडितों की भी बहुत मदद की, जो मुगल सम्राट औरंगजेब के दबाव में जीवन जी रहे थे।
उन्होंने कहा कि इतिहास बताता है कि जब कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी व्यथा बताने श्री गुरु तेग बहादुर जी से मिलने गया, तब गुरु जी ने कहा कि यदि कोई महापुरुष अपना बलिदान दे तभी आपका धर्म बच सकता है। यह सुन कर 9 वर्ष के बालक गोबिंद राय (गुरु गोबिंद सिंह जी) ने कहा कि ‘पिता जी, आपसे बड़ा महापुरूष और कौन हो सकता है। आप अपना ही बलिदान क्यों नहीं देते।’ अपने पुत्र की बात सुन कर गुरु जी ने पंडितों से कहा कि जाओ औरंगजेब से कह दो कि, ‘यदि गुरु तेग बहादुर इस्लाम स्वीकार कर लें तो हम सब स्वतः ही इस्लाम स्वीकार कर लेंगे’। औरंगजेब ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को तब बंदी बना लिया गया था, लेकिन हिंदू धर्म की रक्षा के लिए श्री गुरु तेग बहादुर जी ने दिल्ली के चांदनी चौक पर अपना शीश धर्म की रक्षा के लिए कुर्बान कर दिया।
राज्य स्तरीय कार्यक्त्रम में शामिल होंगे प्रसिद्ध रागी और कथा वाचक
मुख्यमंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध रागी और कथा वाचकों को इस राज्य स्तरीय कार्यक्त्रम में भाग लेने के लिए विशेष आमंत्रण भेजा जा रहा है। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे हरियाणा के हर कोने से इस राज्य स्तरीय कार्यक्त्रम में पहुंच कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
पिछली सरकार ने ऐसे धार्मिक कार्यक्त्रम आयोजित करने के बारे में कभी नहीं सोचा था
इस अवसर पर सांसद संजय भाटिया, जो इवेंट मैनेजमेंट कमेटी के संयोजक भी हैं, ने पानीपत में इस ऐतिहासिक राज्य स्तरीय समारोह को आयोजित करने का सुनहरा अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इन महान गुरुओं और संतों की आध्यात्मिक शिक्षाओं और दर्शन का प्रचार करने के लिए ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्त्रमों के आयोजन के बारे में कभी नहीं सोचा था। यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल के दौरान ही हो रहा है।
राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन ऐतिहासिक फैसला
मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व वाली राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए सरदार संदीप सिंह ने कहा कि यह सराहनीय है कि हरियाणा इतने बड़े धार्मिक कार्यक्त्रम की मेजबानी करेगा।
सरदार संदीप सिंह ने इस कार्यक्त्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पूरे सिख समुदाय और देश भर के भक्तों को आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के कार्यक्त्रमों की श्रृंखला में राज्य सरकार श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व समारोह के उपलक्ष्य में इस राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन कर रही है, यह सराहनीय कदम है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी की शहादत को सम्मान देने के लिए 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पोस्टर डिजाइन करने और भक्ति गीत तैयार करने के लिए सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष सरदार गुरविंदर सिंह उपस्थित रहे।
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