कोरोना संकट भारत में अब बहुत तेजी से फैल रहा है। कोरोना की रफ्तार डराने वाली हो गई है। प्रतिदिन केचालीस हजार से ज्यादा नए मामले अब सामने आने लगेहै जो परेशानी खड़ी करने वाला है। इस बीच बिहार मेंकोविड के ही नहीं अन्य मरीजों के लिए भी समस्या खड़ी हो गई है। इस कोरोना के संक्रमण काल मेंबिहार में हालात और खराब होने के कगार पर हैं। बिहार में हालात अभी ही इतने खराब हो गए हैं कि कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिलेरहे। यहां तक कि मरीजों के लिए यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अभाव है। इतने कठिन हालातों में बड़ी समस्या यह है कि 400 कॉन्ट्रैक्चुअल नर्सें हड़ताल पर चली गई हैं। पटना एम्स बिहार का इकलौता केंद्रीय अस्पताल है, जहां कई वीवीआईपी कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। गौरतलब है कि एकाएक हड़ताल पर गई नर्सों की वहज से मरीजों का हाल बेहाल हो रहा है। नर्सों की मांगे हैं कि उन्हेंअपनी नौकर की सुरक्षा, वेतन को बढ़ाने, हेल्थ इंश्योरेंस, स्थायी कर्मचारियों की तरह छुट्टी आदि दी जानी चाहिए। एम्स प्रशासन का कहना है कि हमने कुछ मांगों को मान लिया है।