40 thousand indigenous bulletproof jackets sent to jawans, can also bear AK-47 bullet: जवानों को भेजी गर्इं 40 हजार स्वेदशी बुलेटप्रूफ जैकेट्सं, झेल सकती हैं एके-47 की गोली भी

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नई दिल्ली। लगातार भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और आधुनियक हथियारों की मांग चल रही थी। अब पहली बार देश में बनी 40 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट्स की आपूर्ति सेना को की गई है। इन जैकेट्स की पहली खेप जम्मू-कश्मीर भेजी गई है जो वहां आतंकियों के खिलाफ आॅपरेशन में जुटे सैनिकों को दी जाएगी। इन जैकेट्स को बनाने वाली कंपनी एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से मेजर जनरल अनिल ओबेरॉय ने बताया कि वे सेना को समय से पहले ही पूरा आॅर्डर प्रदान करा देंगे। सरकार द्वारा यह आॅर्डर पूरा करने के लिए कंपनी को 2021 तक की तारीख दी है, लेकिन कंपनी द्वारा 2020 के अंत तक सारी जैकेट्स बन कर तैयार हो जाएंगी। बतौर ओबरॉय पहले साल हमें केवल 36 हजार जैकेट्स देनी थी लेकिन हमने अपने टारगेट से ज्यादा डिलिवर किया है। देश में निर्मित यह जैकेट हार्ड स्टील से बनी गोलियां झेल सकती है। यानी एके -47 और कई अन्य हथियार इस पर बेअसर होंगे। वर्तमान में इन जैकेट्स को कानपुर स्थित सेंट्रल आॅर्डिनेंस डिपो पहुंचाया गया है। यहां से जल्द ही इन्हें जम्मू-कश्मीर भेजा जाएगा।
पिछले साल रक्षा मंत्रालय ने सेना को आधुनिक और हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट्स मुहैया कराने के लिए एसएमपीपी के साथ 639 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इस सौदे के तहत सेना को 1.86 लाख उच्च स्तरीय जैकेट्स प्रदान की जानी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार की मेक इन इंडिया योजना को भी बढ़ावा मिलेगा।
इन जैकेटों को बोरॉन कार्बाइड सेरेमिक से तैयार किया गाय है, जो कि सुरक्षा के लिए सबसे हल्का और बेहतरीन मैटेरियल है। ये जैकेट जवानों के शरीर को 360 डिग्री सुरक्षा देगी, जिससे युद्ध और एंटी टेरर आॅपरेशन में भी इनका इस्तेमाल किया जाएगा। मॉड्यूलर पार्ट्स से बनी होने के कारण ये काफी लचीली हैं और पहनने में आसान तथा सुविधाजनक भी हैं।