Panipat News (आज समाज) पानीपत: प्रदेश में मानसून आगमन के बाद भी व्यापक वर्षा की कमी बनी हुई है। हरियाणा में एक जून से अब तक 40 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। इसी प्रकार से पंजाब और चंडीगढ़ में भी सूखे जैसे हालात बन गए हैं। चंडीगढ़ में सामान्य से 57 प्रतिशत कम व पंजाब में 44 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है। सबसे अधिक वर्षा का महीना माने जाने वाले जुलाई की विदाई भारी वर्षा की कमी से हो रही है। जुलाई के बचे दिन में वर्षा का जो गैप बना हुआ है, उसका पूरा होना लगभग असंभव माना जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि न केवल हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ बल्कि उत्तर भारत इस साल लगातार कमजोर मानसून से जूझ रहा है। हालांकि दिल्ली की स्थिति कुछ बेहतर जरूर है, यहां पर सामान्य से मात्र तीन प्रतिशत वर्षा की कमी बनी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक इस समय मानसून दोबारा सक्रिय होने के संकेत दे रहा है। मानसून की अक्ष रेखा अब अपनी सामान्य स्थिति की ओर उत्तर की ओर शिफ्ट हो रही है। मानसून की स्थिति में यह विकास अगले 4-5 दिनों तक बने रहने की उम्मीद है। इसके अलावा, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय पर मंडरा रहा है, जबकि उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।