टोकियो ओलिंपिक और 2022 फुटबॉल वर्ल्ड कप समेत अन्य मुख्य खेलों में भाग नहीं ले पाएगा
नई दिल्ली। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने रूस पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। इससे अब रूस अगले साल टोकियो ओलिंपिक और 2022 बीजिंग विंटर ओलिंपिक में भी हिस्सा नहीं ले पाएगा। ओलिंपिक खेलों के अलावा रूस 2022 फुटबॉल वर्ल्ड कप समेत अन्य मुख्य खेलों में भाग नहीं ले पाएगा। वाडा ने रूस पर एक डोपिंगरोधी प्रयोगशाला से गलत आंकड़े देने के आरोप लगाए और इस कारण उस पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया। वाडा की लुसाने में कार्यकारी समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। इस फैसले के बाद भी जो रूसी एथलीट डोपिंग से दूर हैं वे अगले 4 साल के दौरान बिना रूस के झंडे और राष्ट्रगान के अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग ले सकते हैं। पिछले साल 2018 प्योंगचांग ओलिंपिक में भी ऐसा ही हुआ था। वाडा की ओर से आगे कहा गया है कि यदि रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी प्रतिबंधों के खिलाफ अपील करती है तो मामला कोर्ट आॅफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट को रेफर कर दिया जाएगा।
पिछले 6 ओलिंपिक में जीते 546 मेडल
समर ओलिंपिक में रूस का इतिहास वैसे तो काफी पुराना है। लेकिन 1996 के बाद से यह लगातार ओलिंपिक में उतर रहे हैं। पिछले 20 सालों में रूसी खिलाड़ियों ने दुनिया को अपना दम दिखाया। रूस ने ओलिंपिक में 546 मेडल जीते हैं। ओलिंपिक में रूस ने अभी तक 195 गोल्ड, 163 सिल्वर और 188 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। लेकिन अब वह टोकियो में होने जा रहे आगामी ओलिंपिक 2020 और कतर में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 से भी बाहर हो गया है।
डोपिंग मामले छुपाए, डेटाबेस को छेड़ा
इससे पहले पिछले महीने वाडा के जांचकर्ताओं और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी ने कहा था कि रूसी अधिकारियों ने कई संभावित डोपिंग मामलों को छुपाने और इस मामलों की खुलासा करने वाले लोगों पर दोष डालने के लिए मॉस्को लेबोरेट्री के डेटाबेस में छेड़छाड़ की। आईओसी ने कहा था, मॉस्को लैब के डेटा में खुली धोखेबाजी करना दुनियाभर में चल रहे खेलों के आंदोलन का अपमान है।
2015 में लगा था रूस पर आरोप
वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी ने 2015 में पहली बार रूस पर डोपिंग के गंभीर आरोप लगाए थे। वाडा ने 2015 में एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा गया था कि उसे बड़े स्तर पर रूसी खिलाड़ियों के डोपिंग करने के सबूत मिले हैं। इसके बाद रूस की समस्याएं बढ़ गई थीं। इसके बाद से रूसी खिलाड़ियों के डोपिंग में लिप्त पाए जाने के मामले सामने आए हैं। साथ ही कई खिलाड़ी पिछले दो ओलिंपिक से हट गए। वहीं 2014 सोची गेम्स के दौरान राज्य प्रायोजित डोपिंग को छुपाने के कारण पिछले साल प्योंगचांग विंटर गेम्स के दौरान रूस के ध्वजवाहक को ही हटा दिया गया था।
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