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नियामे। हथियार बंद लोगों ने दक्षिण-पश्चिम नाइजर के एक गांव पर हमला कर 37 नागरिकों की हत्या कर दी। मारे गए लोगों में 14 बच्चे शामिल हैं। हमले में कई लोगों के घायल होने की सूचना है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बताया कि अज्ञात सशस्त्र समूहों द्वारा बच्चों और परिवारों को 16 अगस्त को निशाना बनाया गया। उसने हमलों में मारे गए प्रभावित पीड़ितों, परिवारों और समुदायों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी नाइजर में टिलबेरी क्षेत्र के डेरे-डे गांव में जनवरी से लेकर अगस्त तक यह तीसरा हमला है। यहां की जमीनी हालत बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हैं। यूनिसेफ ने बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सशस्त्र समूहों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करने की अपील की है। अधिकारियों ने बताया कि बच्चों की हत्या मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन है। टिलाबेरी के क्षेत्र, बुर्किना फासो, माली और नाइजीरिया से लगी सीमाओं पर हमलों के कारण बड़ी संख्या में पलायन भी हुआ है। दोपहर में जब लोग खेतों में काम कर रहे थे तो हमलावर डेरे-डे गांव में मोटरबाइकों पर पहुंचे। एक स्थानीय पत्रकार ने एएफपी को बताया, उन्होंने लोगों को खेतों में पाया और कुछ भी हिलने-डुलने पर गोली मार दी। ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) द्वारा पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल तिलबेरी और पड़ोसी क्षेत्र तहौआ में जिहादी हमलों में कम से कम 420 नागरिक मारे गए हैं। अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूह के साहेल निदेशक कोरिन दुफ्का ने रिपोर्ट में कहा, सशस्त्र इस्लामी समूह पश्चिमी नाइजर में नागरिकों पर हमला कर रहे हैं। एचआरडब्ल्यू ने कहा कि विकलांग लोग और कई बच्चे मारे गए, जिनमें से कुछ को उनके माता-पिता की बाहों से खींच कर मार डाला गया। चरमपंथी हमलों में स्कूल और चर्चों को भी नुकसान पहुंचा है जिससे हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर भाग गए हैं। नाइजर, बुर्किना फासो और माली के बीच तथाकथित आदिवासी क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी ज्यादातर अल-कायदा या इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े हैं। अधिकारियों द्वारा सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद भी क्षेत्र में इसी तरह के हमले कई बार हुए हैं। गोलीबारी के बाद हमलावर माली की ओर भाग जाते हैं।