35th International Human Unity Conference के आयोजन से विश्वभर के लोगों में मानव एकता की भावना जागृत हुई

0
365
35th International Human Unity Conference
सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रमुख संत राजिन्दर सिंह महाराज
Aaj Samaj (आज समाज), 35th International Human Unity Conference, पानीपत :
विश्व एकता, परस्पर प्रेम और भाईचारे को संपूर्ण विश्वभर में फैलाने के उद्देश्य से 35वें अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता सम्मेलन का आयोजन सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रमुख संत राजिन्दर सिंह महाराज की अध्यक्षता में कृपाल बाग, दिल्ली में किया गया। उक्त जानकरी देते हुए मीडिया प्रभारी सौरव नरूला ने बताया कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन 4-6 फरवरी के दौरान विभिन्न धर्मों के धर्माचार्य और अंतर्राष्ट्रीय वक्ता एक सांझे मंच पर एकत्रित हुए, जहां उन्होंने आज के समय की सबसे महत्त्वपूर्ण जरूरत आंतरिक शांति तथा अध्यात्म द्वारा मानव एकता को पाने के विषय में अपने विचार व्यक्त किए।

संत कृपाल सिंह महाराज का 130वां जन्मोत्सव मनाया

सौरव नरूला ने बताया कि इस सम्मेलन में देश-विदेश से आए लाखों की संख्या में भाई-बहनों ने भाग लिया। इस अवसर पर पिछली सदी के महान परम संत कृपाल सिंह महाराज का 130वां जन्मोत्सव मनाया गया, जिन्होंने विश्व के कोने-कोने में रूहानियत का प्रचार-प्रसार किया। इस वर्ष मानव एकता आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ है क्योंकि परम संत कृपाल सिंह जी महाराज ने सन् 1974 में पहले मानव एकता सम्मेलन का उद्घाटन किया था।

आत्मिक स्तर पर पर सब एक ही हैं

संत राजिन्दर सिंह महाराज ने अपने अध्यक्षीय भाषण में परम संत कृपाल सिंह महाराज की इस सम्मेलन के प्रति दूरदृष्टि को समझाते हुए कहा कि सभी वर्गों, मान्यताओं, धर्मों और देशों के लोग इस सांझे मंच पर इकट्ठे होकर यह जान सकें कि आत्मिक स्तर पर पर सब एक ही हैं। हमारी आस्था और राष्ट्रीयता के बावजूद चाहे हम परमात्मा में विश्वास करते हों या नहीं, फिर भी हम सब मानवता के स्तर पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने कहा कि, हम दिव्य-प्रेम से भरी आत्माएं हैं और इस सम्मेलन का उद्देश्य हमें एक ही परमात्मा की संतान होने करके अपनी इस एकता को अपनाने में मदद करना है।

संत कृपाल सिंह महाराज दिव्य-प्रेम और करूणा के मसीहा थे

संत राजिन्दर सिंह महाराज ने सभी को अपना ध्यान पिता-परमेश्वर पर केन्द्रित करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि परम संत कृपाल सिंह महाराज दिव्य-प्रेम और करूणा के मसीहा थे। एक निपुण माली के रूप में उन्होंने लाखों आत्माओं का पोषण किया और उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर ले गए। वे चाहते थे कि हम एक नैतिक और शांतिपूर्ण जीवन जियें, जिसमें हम अपने आपको जानने और पिता-परमेश्वर को पाने के अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए रोज़ाना ध्यान-अभ्यास में समय दें। उनकी शिक्षाओं पर चलने और अपने जीवन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें इन सम्मेलनों से पूरा-पूरा फायदा उठाना चाहिए।
धार्मिक नेताओं और विश्व के अनेक देशों से आए प्रतिनिधियों को विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया
इस सम्मेलन के दौरान 5 फरवरी को “ध्यान-अभ्यास-आंतरिक शांति व एकता को पाने का मार्ग“ और 6 फरवरी को “कृपाल – दिव्य प्रेम और करुणा के मसीहा“ विषयों पर आध्यात्मिक सेमिनारों का आयोजन किया गया। अनेक धार्मिक नेताओं और विश्व के अनेक देशों से आए प्रतिनिधियों को इस सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया, जिनमें जगदगुरु विश्वकर्मा शंकराचार्य स्वामी दिलीप योगीराज, फादर बेंटो रोड्रिग्स, पंडित यादविंदर सिंह, श्री रवि प्रपन्नाचार्य, रब्बी इजेकिल इसाक मालेकर, श्री विवेक मुनि, सैयद फरीद अहमद निज़ामी साहब, महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी प्रेमानंद, महामंडलेश्वर स्वामी देवेन्द्रानंद गिरि, श्री श्री भगवान आचार्य और महामंडलेश्वर श्याम चैतन्य पुरी शामिल थे। अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं में ऑस्ट्रेलिया से किम मैकक्रिस्टेल, स्पेन से जीजस अंगुलो, कोलंबिया से कार्लोस लोज़ानो और अमेरिका से अजीली होडारी ने अपना संदेश दिया।
ध्यान-अभ्यास और आध्यात्मिकता को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला
इन सभी वक्ताओं ने अपने संदेश में विश्व-शांति को प्राप्त करने के लिए ध्यान-अभ्यास और आध्यात्मिकता को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्व धर्म फैलोशिप और मानव एकता सम्मेलन के संस्थापक अध्यक्ष परम संत कृपाल सिंह महाराज को अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। संत राजिन्दर सिंह जी महाराज द्वारा सिखाई गई निष्काम सेवा की परंपरा के अंतर्गत 38वें मुफ्त आंखों की जांच तथा मोतियाबिन्द ऑपरेशन शिविर और 62वें रक्तदान शिविर का आयोजन अनेक डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मी सेवादारों के सहयोग से कृपाल बाग, दिल्ली में किया गया। इसके अलावा जरूरतमंद भाई-बहनों के लिए वस्त्र वितरण शिविर का भी आयोजन किया गया।
जरूरतमंद मरीजों को खाने-पीने की वस्तुओं के अलावा दवाईयां और फलों का वितरण किया
सावन कृपाल रूहानी मिशन की ओर से दिल्ली के अनेक अस्पतालों और कई एन.जी.ओ. में जरूरतमंद मरीजों को खाने-पीने की वस्तुओं के अलावा दवाईयां और फलों का वितरण किया गया। सम्मेलन के अंत में रब्बी इजेकिल इसाक मालेकर द्वारा घोषणा पत्र पढ़ा गया, जिसे सभी धर्मों के धर्माचार्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया। पिछले तीन दशकों से संत राजिन्दर सिंह जी महाराज उन लोगों के लिए जो अपने आपको जानने और पिता-परमेश्वर को पाने के इच्छुक हैं, उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। ध्यान-अभ्यास और आध्यत्मिकता द्वारा अंतरीय और बाहरी शांति को बढ़ावा देने के लिए संत राजिन्दर सिंह महाराज को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।