इशिका ठाकुर, करनाल:
जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की मीटिंग में 5 आवेदनों पर हुई चर्चा, 1 को किया रिकमेंड, अवलोकन के लिए जाएगा मंडलायुक्त को:-अनीश यादव, उपायुक्त।
करनाल 17 जनवरी, नगर निगम सीमा से बाहर बनी अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए जिला नगर योजानाकार के कार्यालय में अब तक कुल 35 आवेदन आ चुके हैं। डीटीपी कार्यालय द्वारा उनकी जांच-पड़ताल का काम भी किया गया है। पिछले दिनो जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त अनीश यादव की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में 5 आवेदनों को डिविजनल कमीश्रर के पास रिलेक्शेशन के लिए भेजे जाने की बात कही गई थी, जो अवलोकन के बाद वापिस आ गए थे। आज दोबारा इन पर चर्चा हुई चर्चा के दौरान डीटीपी गुंजन वर्मा ने उपायुक्त को बताया कि इनमें से एक आवेदन जो असंध के सफीदों रोड पर खुशी एन्कलेव के नाम से है, ने अपने नॉर्म फुलफिल कर दिए हैं।
उपायुक्त ने इस कॉलोनी का ले-आउट देखने के बाद बैठक में मौजूद स्क्रूटनी कमेटी के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद इसे रिकमेंड कर दिया और अब यह अवलोकन के लिए डिविजन कमीश्रर के पास भेजा जाएगा। शेष जितनी भी कॉलोनियां हैं, उनके नॉर्म फुलफिल करने के लिए संबंधित आवेदकों को कहा जाएगा। नॉर्म में सडक़ों और गलियों की चौड़ाई कम है। अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सरकार की ओर से आई थी पॉलिसी- बता दें कि सरकार की ओर से अवैध कॉलोनियों को निर्धारित किए गए मानदंडों के आधार पर नियमित करने के लिए बीती 19 जुलाई 2022 को एक पॉलिसी नोटिफाई की गई थी। 18 जुलाई को इसकी अवधि समाप्त होने जा रही है। समाचार लिखे जाने तक पॉलिसी को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कोई ओदश नहीं आए हैं।
पॉलिसी में श्रेणी ए के तहत 25 प्रतिशत तक निर्मित क्षेत्र वाली कॉलोनी, श्रेणी बी में 50 प्रतिशत तक लेकिन 25 प्रतिशत से अधिक निर्मित क्षेत्र होना चाहिए। इसी प्रकार श्रेणी सी में निर्मित क्षेत्र 75 प्रतिशत तक लेकिन 50 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए, जबकि श्रेणी डी में निर्मित एरिया 75 प्रतिशत से अधिक यानि 100 प्रतिशत तक निर्धारित किया गया है। ऐसे एरिया में सडक़ों की चौड़ाई कम से कम 9 मीटर होनी चाहिए। पार्क के लिए 5 प्रतिशत का ओपन स्पेस होना चाहिए, जबकि कॉमर्शियल कम्पोनेंट के लिए 4 प्रतिशत एरिया का प्रावधान होना चाहिए। इसके अतिरिक्त 200 वर्ग मीटर साईट एसटीपी के लिए भी होनी चाहिए। नलकूप भी लगा हो। उन्होंने बताया कि पॉलिसी में यह भी वर्णित है कि एरिया की रजिस्ट्री भी होनी चाहिए।
उपायुक्त ने बताया कि पॉलिसी की अवधि समाप्त होने के बाद अब तक प्राप्त आवेदनो के कॉलोनाईजरों को नॉर्म पूरे करने के लिए डीटीपी कार्यालय की ओर से कहा जाएगा। इसके बाद भी नॉर्म पूरे नहीं होते तो, इन कॉलोनियों को अवैध मानते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इनमें प्लॉटों की रजिस्ट्री नहीं होगी, बिजली के कनैक्शन नहीं होंगे और न ही सरकार की ओर से कोई सुविधा दी जाएगी।
स्क्रूटनी कमेटी की बैठक में डीडीपीओ राजबीर खुंडिया, जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन प्रशांत सिलवानिया, बी एंड आर के एक्सईएन संदीप सिंह, पंचायती राज विभाग के एक्सईएन परमिन्द्र सिंह, तहसीलदार ललिता, उप अग्निशमन अधिकारी रणदीप सिंह तथा जिला परिषद के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
ये भी पढ़ें : छः साल की बेटी करेगी अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह
ये भी पढ़ें :गांव दुलोठ अहीर में राशन डिपो पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने की छापेमारी
ये भी पढ़ें :हरियाणा विधानसभा के पुर्व डिप्टी स्पीकर चौधरी वेदपाल का निधन