Haryana Assembly Election: हरियाणा में कांग्रेस के 30 टिकट फाइनल, 60 पर स्क्रीनिंग कमेटी की चर्चा खत्म

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हरियाणा में कांग्रेस के 30 टिकट फाइनल, 60 पर स्क्रीनिंग कमेटी की चर्चा खत्म
हरियाणा में कांग्रेस के 30 टिकट फाइनल, 60 पर स्क्रीनिंग कमेटी की चर्चा खत्म

30 पर आज मंथन, 5 फॉर्मूले लागू किए
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में कांग्रेस की टिकट बंटवारे को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग तीसरे दिन भी जारी रहेगी। कांग्रेस ने अब तक 90 में से 60 सीटों पर मंथन पूरा कर लिया है। इनमें से 30 सीटों पर टिकटों के लिए पैनल तैयार हो चुका है। ये वे सीटें हैं, जहां टिकटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। इनमें सिंगल नाम होने की चर्चा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक 28 विधायकों की टिकट पर अलग से चर्चा हुई। जिसमें से 16 से 18 विधायकों को दोबारा टिकट पर सहमति बन गई है। बाकी 30 सीटों पर दावेदारों के पैनल तैयार किए गए हैं। बची 30 सीटों पर आज शुक्रवार को मंथन पूरा हो जाएगा। इसके बाद यह लिस्ट कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। जिसकी मीटिंग 2 सितंबर को है। उसके बाद सितंबर के पहले हफ्ते में कांग्रेस की टिकट सूची जारी कर दी जाएगी। कांग्रेस की सभी 90 सीटों पर एक साथ भी लिस्ट जारी हो सकती है। कांग्रेस में 90 सीटों पर 2,556 दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया था। इस पर फैसला ले रही स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन कर्नाटक से कांग्रेस के राज्यसभा मेंबर अजय माकन हैं। वहीं मणिकम टैगोर, जिग्नेश मेवानी और श्रीनिवास बीवी भी मेंबर हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि शनिवार तक स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों में चर्चा का दौर चलेगा। उसके बाद लिस्ट फाइनल कर कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दी जाएगी।

सांसदों को टिकट नहीं

कांग्रेस के प्रदेश इंचार्ज दीपक बाबरिया ने कहा कि इस चुनाव में सांसदों को टिकट नहीं दी जाएगी। इसकी वजह से उट कुर्सी पर दावा ठोक रही सिरसा सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को झटका लगा। बाबरिया ने ये भी कहा कि ये स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश है। अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।

चुनाव हारे, दागी नेताओं को टिकट नहीं

चुनाव हारे नेताओं को टिकट नहीं दी जाएगी। इसमें वे नेता शामिल हैं, जो 2 या उससे ज्यादा बार से चुनाव हार चुके हैं। उनकी दावेदारी को स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में खारिज किया जाएगा। इसके अलावा जो चेहरे दागी हैं, जिन पर गंभीर मुकदमें दर्ज हैं या कोई गंभीर आरोप लगे हैं, उन्हें भी टिकट नहीं दी जाएगी। वहीं जमानत जब्त कराने वाले नेताओं पर भी कांग्रेस दांव नहीं लगाएगी।

पार्टी छोड़कर फिर शामिल हुए नाम खारिज होंगे

जो लोग पहले कांग्रेस छोड़कर चले गए और अब चुनाव से पहले वापस लौट आए, उनकी दावेदारी पर विचार नहीं होगा। कांग्रेस में कई नेता ऐसे भी हैं जो 10 से लेकर 30 साल तक पार्टी में रहे लेकिन बीच में छोड़कर चले गए और एक साल के भीतर लौटे हैं, उनकी दावेदारी को झटका लग सकता है। इससे कांग्रेस में एक साल के भीतर आए करीब 20 से ज्यादा पूर्व विधायकों को झटका लग सकता है।

बिना चुनाव लड़े भी सीएम फेस हो सकता है

इंचार्ज दीपक बाबरिया ने सबको चौंकाते हुए एक और बयान दिया कि जरूरी नहीं कि कांग्रेस सरकार बनने की सूरत में चुनाव लड़ने वाला ही सीएम फेस हो। वह नेता भी सीएम चेहरा हो सकता है, जिसने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि इस बयान को कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला की नाराजगी को शांत करने से जोड़कर देखा जा रहा है।

विधायकों के टिकट कटने जरूरी नहीं

स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया ने कह चुके हैं कि यह जरूरी नहीं है कि मौजूदा विधायकों के टिकट काटे ही जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि किसी के विरुद्ध ग्राउंड पर एंटी इनकम्बेंसी है और आपराधिक रिकॉर्ड बना है तो उसे टिकटों में नजरअंदाज किया जाएगा अन्यथा पार्टी की कोशिश रहेगी कि हर जीतने वाले विधायक को पार्टी विधानसभा के चुनावी रण में उतारे।