मनोज वर्मा, कैथल:
कैथल जिला की विभिन्न मंडियों में खरीद एजैंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 3 लाख 25 हजार 621 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि गत वर्ष इस अवधि में जिला में 91 हजार 162 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। खरीद एजैंसियों में से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा सबसे अधिक 1 लाख 69 हजार 128 मीट्रिक टन धान खरीदी गई है। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए मंडियों में उचित प्रबंध किए गए हैं। अभी तक 3 लाख 25 हजार 621 मीट्रिक टन धान की खरीद कर ली गई है।
धान की खरीद
जिसमें से 1 लाख 69 हजार 128 मीट्रिक टन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा, 83 हजार 168 मीट्रिक टन हैफेड द्वारा और 73 हजार 325 मीट्रिक टन हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा खरीदी गई है। मंडियों से खरीदी गई 1 लाख 10 हजार 271 मीट्रिक टन धान का उठान भी किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला की अरनोली मंडी में 569 मीट्रिक टन, ढांड मंडी में 56 हजार 599, गुहला चीका मंडी 1 लाख 50 हजार 513 मीट्रिक टन, कैथल मंडी में 58 हजार 574 मीट्रिक टन, कलायत मंडी में 746 मीट्रिक टन, कौल मंडी में 2369 मीट्रिक टन, पाई मंडी में 4146 मीट्रिक टन, पूंडरी मंडी में 24 हजार 666 मीट्रिक टन, राजौंद में 474, रामथली में 14 हजार 619 मीट्रिक टन और सीवन मंडी में 12 हजार 346 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है।
डीसी ने की किसानों को फानें नहीं जलाने की अपील।
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि धान की फसल की कटाई के बाद फसल के अवशेषों को आग न लगाएं, बल्कि इन अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाएं या फिर भूमि में मिलाएं। फाना प्रबंधन करने वाले किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी दिए जाने का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है।
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