नयी दिल्ली। देश में रोजगार के अवसरों में कमी को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा है। इस सब के बीच केंद्र सरकार का कहना है कि उसके विभिन्न संगठनों में पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान 3.81 लाख से अधिक रोजगार दिये गये। बजट 2019-20 के दस्तावेजों के अनुसार एक मार्च, 2017 तक विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की संख्या 32,38,397 थी, जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 36,19,596 हो गई। इस तरह दो साल के दौरान सरकारी प्रतिष्ठानों में रोजगार के अवसरों में 3,81,199 का इजाफा हुआ। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। पिछली नरेंद्र मोदी सरकार ने नवंबर, 2016 में नोटबंदी की घोषणा की थी। उसके बाद से विपक्षी दल लगातार नौकरियों के मुद्दे पर सरकार को घेरते रहे हैं। बजट दस्तावेजों के अनुसार इस अवधि में सबसे अधिक 98,999 लोगों को रेल मंत्रालय में नौकरी मिली। मार्च, 2017 में रेल मंत्रालय के कर्मचारियों की संख्या 12.7 लाख थी जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 13.69 लाख हो गई।
इस दौरान पुलिस बल में करीब 80,000 नई नौकरियां दी गर्इं। वहीं अप्रत्यक्ष कर विभाग में 53,000 और प्रत्यक्ष कर विभाग में 29,935 लोगों को रोजगार मिला। एक मार्च, 2017 को अप्रत्यक्ष कर विभाग के कर्मचारियों की संख्या 53,394 और प्रत्यक्ष कर विभाग में 50,208 थी। रक्षा (सिविल) मंत्रालय मे 46,347 नए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। मार्च, 2017 में विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 42,370 थी, जो मार्च, 2019 में बढ़कर 88,717 हो गई। दस्तावेजों के अनुसार इस दौरान परमाणु ऊर्जा विभाग में करीब 10,000, दूरसंचार विभाग में 2,250, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरोद्धार विभाग में 3,981 नए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। इसी तरह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में 7,743, खान मंत्रालय में 6,338, अंतरिक्ष विभाग में 2,920, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में 2,056 और विदेश मंत्रालय में 1,833 रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। इस दो साल की अवधि में संस्कृति मंत्रालय में 3,647, कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग में 1,835 और नागर विमानन मंत्रालय में 1,189 नई नौकरियां दी गर्इं।