250 वर्ष पुराना है माँ देवी मंदिर 250 Years Old Maa Devi Temple
आज समाज डिजिटल, अम्बाला
250 Years Old Maa Devi Temple : देवी मंदिर पानीपत के महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थलों में से एक है। देवी दुर्गा को समर्पित, इस मंदिर में देश के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह ‘देवी मंदिर’ भारतीय मंदिर वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। दुर्गा पूजा के दौरान यहां एक विशेष प्रार्थना सेवा आयोजित की जाती है जिस कारण इस दौरान यहां भारी भीड़ रहती है।
250 Years Old Maa Devi Temple : एक दन्तकथा के अनुसार जब मंदिर का निर्माण किया जा रहा था तो देवी दुर्गा की मूर्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया गया था, लेकिन मूर्ति अगली सुबह वापस अपने मूल स्थान पर चली गई। उसके बाद यह निर्णय लिया गया कि मंदिर का निर्माण उसी स्थान पर होगा, जहां यह मूर्ति मिली थी।
Read Also : भगवान शंकर की अश्रु धारा से बना सरोवर Jalandhar Shri Devi Talab Mandir
यह मंदिर एक बड़े सूखे तालाब के किनारे स्थित है जिसे अब बच्चों के एक पार्क में बदल दिया गया है। इसी पार्क में पिछले 100 वर्षों से नवरात्रि के समय रामलीला का आयोजन होता आ रहा है।
देवी मंदिर का इतिहास
देवी के मंदिर में सभी देवी-देवताओं कि मूर्ति है तथा मंदिर में एक यज्ञशाला भी है। मंदिर का पुनः निर्माण किया गया है जो कि बहुत ही सुन्दर तरीके से जोकि भारतीयें वास्तुकला की एक सुन्दर छवि को दर्शाता है। इस मंदिर में भक्त दर्शनों के लिए लगभग पुरे भारत से आते है। (250 Years Old Maa Devi Temple)ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का इतिहास लगभग 250 वर्ष पुराना है इस मंदिर का निर्माण 18वीं शाताब्दी में किया गया था।
Read Also : मां मंदिर में धागा बांधने से होती है मनोकामना पूर्ण Thread In Maa Temple
250 Years Old Maa Devi Temple : 18वीं शताब्दी के दौरान, मराठा इस क्षेत्र में सत्तारूढ़ थे, मराठा योद्धा सदाशिवराव भाऊ अपनी सेना के साथ युद्ध के लिए यहां आये थे। सदाशिवराव भाऊ अफगान से आया अहमदशाह अब्दाली जोकि आक्रमणकारी था के खिलाफ युद्ध के लिए यहा लगभग दो महीने रूके थे।
Read Also : कैसे बने हारे का सहारा खाटू श्याम How To Become A Loser’s Sahara Khatu Shyam
250 Years Old Maa Devi Temple : देवी मंदिर में सभी त्यौहार मनाये जाते है विशेष कर दुर्गा पूजा व नवरात्र के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिर को फूलो व लाईट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है।
Also Read: जानिए शुक्रवार व्रत की महिमा, माता वैभव लक्ष्मी व संतोषी माता के व्रत करने से होगी हर मनोकामना पूरी