कहा, केंद्र सरकार के फंडों का कोई डायवर्शन या गलत इस्तेमाल नहीं किया गया
Ayushman Bharat CM Health Scheme (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करके आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में सारे तथ्य साफ और स्पष्ट तौर पर लोगों के सामने रखते हुए कहा कि पिछली सरकारें इस योजना को इंश्योरेंस मोड तहत चला रही थीं जिसमें वे प्रीमियम अदा करती थीं और 29 दिसंबर 2021 को उन्होंने संबंधित बीमा कंपनी के साथ एकरारनामा अचानक रद्द कर दिया, जिससे गड़बड़ी पैदा हो गई थी।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को यह टूटी-फूटी प्रणाली विरासत में मिली है और इस योजना को बड़ी मुश्किल से पुन: सुचज्जित ढंग से कार्यशील बनाया गया है। केंद्र सरकार के फंडों का कोई डायवर्शन या गलत इस्तेमाल नहीं किया गया है, बल्कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के 249 करोड़ रुपये अभी भी बकाया हैं।
प्रदेश सरकार 60:40 के तहत कर रही उपचार
यह भी बताने योग्य है कि पंजाब सरकार, 16.65 लाख एस.ई.सी.सी. परिवारों के लिए 60:40 प्रतिशत के अनुपात में हिस्सा प्राप्त करती है और एस.ई.सी.सी. परिवारों के इलाज के लिए लगभग 585 करोड़ रुपये के क्लेम बनते थे, जिसमें 60 प्रतिशत हिस्से के हिसाब से केंद्र द्वारा लगभग 350.74 करोड़ रुपये अदा किए जाने थे, पर इसमें से सिर्फ 169.34 करोड़ ही पंजाब की स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) को प्राप्त हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 249.81 करोड़ रुपये की राशि, जिसमें 51.34 करोड़ रुपये प्रशासनिक खर्चे और 17.07 करोड़ रुपये पिछले बकाए शामिल हैं, केंद्र सरकार के पास अभी भी बकाया है।
उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के साथ बैठक कर उन्हें बकाया भुगतान की किश्त जारी करने की बिनती की ताकि निजी अस्पतालों को बनता भुगतान किया जा सके। उन्होंने आगे बताया कि यहां तक कि मैंने खुद भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को मुलाकात के लिए पत्र लिखा था ताकि उन्हें बकाया भुगतान जारी करने की अपील कर सकूं, पर यह कोशिशें नाकाम रही।
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