22nd Doha Forum: जंग के बीच रूस-यूक्रेन से बात कर रहा भारत : जयशंकर

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22nd Doha Forum: जंग के बीच रूस-यूक्रेन से बात कर रहा भारत : जयशंकर
22nd Doha Forum: जंग के बीच रूस-यूक्रेन से बात कर रहा भारत : जयशंकर

India Russia Oil Deal, (आज समाज), नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत, रूस-यूक्रेन में जंग के बीच लगातार दोनों पक्षोें से सीधे बात कर रहा है। उन्होंने कहा, रूस से तेल खरीदना सस्ता सौदा नहीं है लेकिन फिर भी हम खरीद रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्री 22वें दोहा फोरम में भाग लेने के लिए कतर पहुंचे थे और उनसे रूस से तेल खरीद को लेकर सवाल किया गया था। वह शनिवार को फोरम में शामिल हुए और इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग व भू-मध्य सागर समेत दुनिया भर में वर्तमान में फैले तनाव पर अपनी बात रखी।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दोनों देशों से सीधे बात कर रहा भारत

जयशंकर ने बैठक में बताया कि नई दिल्ली कैसे रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दोनों देशों से सीधे बात कर रहा है उन्हें एक-दूसरे के संदेश किस तरह पहुंचा रहा है। विदेश मंत्री ने कहा, जंग के चलते विकासशील देशों को ईंधन, महंगाई, भोजन व उर्वरक आदि के ऊंचे दामों का सामना करना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच बीते ढाई साल से जंग चल रही है और इस बीच पश्चिम देशों ने यूक्रेन का समर्थन और रूस का बहिष्कार किया है। वहीं भारत ने इस मामले में रूस संग अपनी दोस्ती बनाए रखी है और रूस से तेल खरीदना भी जारी रखा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस गए थे।

रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता

जयशंकर ने रूस से तेल खरीदने के फैसले पर कहा, यह सच है कि हम रूस से तेल खरीदते हैं, पर यह सस्ता सौदा नहीं है। उन्होंने कहा, यह देश में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का एक समझौता है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता बन चुका है।

जंग का युद्धभूमि पर समाधान नामुमकिन

जयशंकर ने बताया कि रूस-यूक्रेन जंग का युद्धभूमि पर समाधान नामुमकिन है। उन्होंने कहा, दोनों पक्षों को संघर्ष का रास्ता छोड़कर वार्ता की टेवल पर लौटना होगा तभी समस्या का हल संभव है। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत जंग को सुलझाने के लिए अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, हम यूक्रेन दौरे पर जाते हैं तो वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात करते हैं और रूस में वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करते हैं। इस तरह हम दोनों पक्षों में आपसी सहमति रास्ते तलाशने का प्रयास कर रहे हैं।

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