2121 Kudiya Shriram Mahayagya: सरयू तट पर 10-18 फरवरी तक होगा श्रीराम महायज्ञ, 10,000 रघुवंशी डालेंगे आहुति

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2121 Kudiya Shriram Mahayagya
सरयू तट पर 10-18 फरवरी तक होगा यज्ञ, लगभग 10,000 रघुवंशी  डालेंगे आहुति

Aaj Samaj (आज समाज), 2121 Kudiya Shriram Mahayagya, नई दिल्ली: राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ व रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को है लेकिन उसके बाद भी अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठानों व कई तरह के उत्सव की धूम रहेगी। वहां सरयू तट पर 10 से 18 फरवरी तक 2121 कुंडीय महायज्ञ होगा जिसमें श्रीराम के वंशज कहे जाने लगभग 10,000 रघुवंशी अयोध्या पहुंचकर आहुति डालेंगे।

बनारस से एक प्रधान आचार्य व 1,000 सहायक आचार्य आमंत्रित

मध्य प्रदेश के अखंड रघुवंशी समाज कल्याण महापरिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिशंकर सिंह रघुवंशी ने बताया कि 2121 कुंडीय महायज्ञ में संगठन के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार व हिमाचल प्रदेश में फैले रघुवंशी समाज के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा, यज्ञ कराने के लिए बनारस से एक प्रधान आचार्य व 1,000 सहायक आचार्यों को आमंत्रित किया गया है और इसमें देश के संत-महंत व राजनीतिक लोग भी शामिल होंगे।

60 एकड़ में बन रहा हवन कुंड व टेंट सिटी

हरिशंकर सिंह रघुवंशी ने कहा कि इसी परिसर में बने टेंट सिटी में सभी लोग निवास करेंगे। करीब एक महीने से सरयू तट पर 60 एकड़ भूमि में हवन कुंड व टेंट सिटी बन रही है। गौरतलब है कि अगस्त, 2019 में श्रीराम मंदिर मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में यह प्रश्र उभरा कि श्रीराम के वंशज कहां हैं? उस समय जयपुर राज परिवार की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी समेत कई पक्षों ने श्रीराम के पुत्र कुश व लव तक वंशावली जोड़कर स्वयं के राम के वंशज होने का दावा किया।

यह मामला सार्वजनिक होने पर रघुवंशी समाज से जुड़े मध्य प्रदेश के कनक बिहारी दास ने अयोध्या में श्रीराम के वंशजों को एकजुट कराने के मकसद से 9009 कुंडीय महायज्ञ कराने का ऐलान किया। मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने उन्हें यज्ञ सम्राट की उपाधि से भी नवाजा था। यह संकल्प देश के सात राज्यों में प्रसारित हुआ तो इसी बीच वह गोलोक सिधार गए। अब इस संकल्प को पूरा करने के लिए उनके शिष्यों ने बीड़ा उठाया है।

2400 किलो घंटा, 25 लाख लागत

घुंघरु की नगरी एटा के जलेसर में निर्मित 2400 किलो वजनी घंटा मंगलवार को अयोध्या पहुंचा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित यह घंटा नवनिर्मित राममंदिर में लगाया जाएगा। सावित्री ट्रेडर्स के मालिक आदित्य मित्तल व प्रशांत मित्तल की ओर से बनवाए गए घंटे की लागत 25 लाख रुपए है। घंटा अष्टधातु का है, जिसमें पीतल, कांस्य, तांबा, एल्मूनियम, लोहा, स्वर्ण, चांदी और जस्ता शामिल है। इसे बनाने में 70 श्रमिक लगे थे। रास्ते में जगह-जगह रथयात्रा पर पुष्पवर्षा की गई, हजारों लोगों ने रास्ते में इसका दर्शन किया।

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