210 candidates in fourth phase of tainted candidates: चौथे चरण के प्रत्याशियों में 71 सीटों पर 210 उम्मीदवार दागी

0
627

अंबाला। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत नौ राज्य की 71 लोकसभा सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होंगे। इनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान की 13-13 सीट, पश्चिम बंगाल की आठ, बिहार की पांच, जम्मू-कश्मीर की एक, झारखंड की तीन, मध्यप्रदेश की छह, महाराष्ट्र की सात, ओडिशा की छह सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे 928 उम्मीदवारों को लेकर जारी एडीआर की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 928 में से 210 यानि कि 23 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 17 फीसदी यानि कि 158 उम्मीदवारों पर तो गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। एडीआर ने उम्मीदवारों के नामांकन के समय दाखिल किए गए शपथ पत्र के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है।
आंकड़ों पर एक नजर
-12 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर अपराध साबित हो चुका है
-05 उम्मीदवारों पर हत्या के आरोप लगे हैं, जांच चल रही है
-24 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास का आरोप है
-04 उम्मीदवारों पर फिरौती के लिए अपहरण का आरोप
-21 उम्मीदवारों पर महिला के खिलाफ अपराध के आरोप
-16 उम्मीदवारों पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप

सबसे ज्यादा आपराधिक मुकदमे भाजपा के उम्मीदवारों पर
पार्टी उम्मीदवार आपराधिक मामले गंभीर आरोप
भाजपा 57 25 20
बसपा 54 11 10
कांग्रेस 57 18 09
शिवसेना 21 12 09
निर्दलीय 345 60 45

बिहार में नहीं टूट पा रहा है बाहुबलियों का वर्चस्व

अंबाला। कहा जाता है कि सत्ता का स्वाद ऐसा है कि जिसे लग जाए, वह इससे दूर नहीं रह सकता. चुनाव आयोग के नियमों और लगातार जनता के दबाव के बाद बाहुबलियों ने सत्ता में एंट्री के लिए बैकडोर तलाश लिया है। बिहार हो या उत्तर प्रदेश, 2019 के लोकसभा चुनाव में बाहुबलियों ने अपने परिवार के बहाने सत्ता में बने रहने का रास्ता ढूंढ निकाला है। हालांकि 2014 के बाद उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा पर विराम लगा है। उत्तरप्रदेश की जनता ने ऐसे परिवारों को सिरे से नकार दिया था।
बहुबलियों की पत्नी और भाई मैदान में
शहाबुद्दीन
बात करें बिहार की तो दोनों गठबंधनों ने बाहुबलियों पर भरोसा जताया है। इनमें सबसे चर्चित नाम हिना शहाब का है। आरजेडी ने अपने भरोसेमंद बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को सीवान लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। शहाबुद्दीन को चर्चित तेजाब हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हो चुकी है, ऐसे में वो चुनाव नहीं लड़ सकता। सीवान में लड़ाई बाहुबली की पत्नी बनाम बाहुबली की पत्नी है। इस सीट से जेडीयू ने भी बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता को मैदान में उतारा है।
सूरजभान सिंह
लोक जनशक्ति पार्टी ने बाहुबली सूरजभान के भाई चंदन को नवादा से टिकट दिया है। बाहुबलियों पर एनडीए के भरोसे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सूरजभान के भाई चंदन को टिकट देने के कड़े विरोध के बाद भी बीजेपी के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह को नवादा से बेगूसराय शिफ्ट कर दिया गया।
अनंत सिंह
कांग्रेस ने मुंगेर लोकसभा सीट से बाहुबली नेता अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को मैदान में उतारा है। पहले इस सीट पर किसी और के उतारे जाने की चर्चा थी, लेकिन अंत में कांग्रेस ने बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी पर ही भरोसा जताया।
पप्पू यादव
सुपौल सीट से कांग्रेस ने बाहुबली नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन को मैदान में उतारा है। रंजीत फिलहाल इस सीट से कांग्रेस की सांसद हैं, जबकि पप्पू यादव मधेपुरा सीट से अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रंजीत रंजन के लिए सुपौल में बड़ी रैली भी की है।
आनंद मोहन
वहीं लाख कोशिशों के बाद आनंद मोहन की पत्नी लवली आंनद को इस चुनाव में टिकट नहीं मिल पाया। आनंद मोहन डीएम जी कृष्णैया हत्या मामले में दोषी हैं। ऐसे में लवली आनंद ही राजनीतिक मोर्चा संभालती रही हैं। पर इस बार किसी दल से उन्हें टिकट नहीं मिल सका है।

उत्तरप्रदेश ने दिखाया बदलाव का रास्ता
जहां एक तरफ सभी पार्टियों ने बिहार में बाहुबलियों के परिवारों पर भरोसा जताया है, वहीं उत्तरप्रदेश की राजनीति ने नई करवट ली है। 2014 में बाहुबलियों की करारी हार के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बाहुबली और उनके परिवार वालों के चुनाव लड़ने की संख्या में काफी कमी आई है। इस चुनाव में गाजीपुर लोकसभा सीट से बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर पूर्वांचल के बाहुबलियों में शुमार हरिशंकर तिवारी के बेटे कुशल तिवारी भी बीएसपी से संत कबीरनगर (खलीलाबाद) के उम्मीदवार हैं। इन दोनों नेताओं की बाहुबली परिवार से होने के अलावा अपनी पहचान भी है।