रोहतक :  न्यूरोसर्जरी में आने वाले रोगियों के लिए बडी खबर

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Neurosurgery dept
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संजीव कोशिक, रोहतक: 

पीजीआईएमएस के न्यूरोसर्जरी में आने वाले रोगियों के लिए बडी राहत भरी खबर है। अब यहां ब्रेन ट्यूमर व रीड् की हड्डी पर लगी गंभीर चोटों का इलाज अत्याधुनिक मशीनों से होगा। जिसके लिए हरियाणा सरकार, माननीय स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा न्यूरोसर्जरी विभाग को करोड़ों रूपए की नवीनतम मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। यह कहना है न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ईश्वर सिंह का।डॉ. ईश्वर सिंह ने इन मशीनों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पीजीआईएमएस में पिछले काफी समय से ब्रेन ट्यूमर के इलाज में काम आने वाली नवीनतम मशीनों की कमी महसूस की जा रही थी, जिसके चलते मरीजों को कई बार बाहर रेफर करना पडता था या मरीज प्राईवेट अस्पताल में लाखों रूपए  खर्च कर अपना इलाज करवाता था। अब माननीय स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा न्यूरोसर्जरी विभाग में इंट्रा आप्रेटिव नर्व मोनेटरिंग सिस्टम उपलब्ध करवाया गया है। डॉ. ईश्वर सिंह ने बताया कि इस मोनेटरिंग सिस्टम से अब संस्थान में आसानी से ब्रेन ट्यूमर का इलाज हो सकेगा क्योंकि आप्रेशन के दौरान नर्व व टिश्यू का अलग अलग पता नहीं चलता था। यह सिस्टम आप्रेशन के दौरान लगातार चलता रहता है और सर्जरी मेे यदि चिकित्सक गलती से नर्व के पास या ब्रेन के पास पहुंच जाता है तो यह मशीन बीप के साथ ही अलर्ट कर देती है और चिकित्सक आसानी से सामान्य तंत्रिका संरचना का पता लगा सकता है, जिससे मरीज का सफल आप्रेशन आसानी से संभव हो पाएगा। डॉ. ईश्वर सिंह ने बताया कि यह मशीन पूरे हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में पहली बार पीजीआईएमएस में उपलब्ध हुई है। जिसके लिए वें मरीजों की तरफ से हरियाणा सरकार, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, कुलपति डॉ. जी. अनुपमा, निदेशक डॉ. रोहताश यादव, कुलसचिव डॉ.एच.के. अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पा दहिया का धन्यवाद व्यक्त करते हैं। डॉ. ईश्वर ने बताया कि इसके साथ ही विभाग को सी- आर्म मशीन भी मिली है जो स्पाइन सर्जरी में एक्सरे करने में मदद करती है क्योंकि इसमें स्पाइन डिस्ओर्डर को लोकलाइजड करना होता है। उन्होंने बताया कि यह मशीन इंट्राआप्रेटिव इंप्लांट दिखाती है तथा इसके साथ ही इसमें डीएसए की भी सुविधा उपलब्ध है।
आप्रेशन के समय में आएगी कमी :
डॉ. ईश्वर ने बताया कि उनके विभाग को एक इलैक्ट्रिक ड्रिल मशीन भी मिली है, जिससे अब वें आसानी से ड्रिल कर सकेंगे जोकि पहले हाथ से ड्रिल बनाने पड़ते थे। उन्होंने कहा कि इसका सीधा फायदा मरीज को मिलेगा क्योंकि जो आप्रेशन पहले करीब 4 घंटे चलता था वह अब 3 घंटे से भी कम समय में पूरा हो जाएगा। वहीं ट्रॉमा सेंटर के लिए भी एक न्यूरोसर्जिकल ड्रील आई है जिससे ट्रॉमा के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।