Himachal News : 1,78,643 परिवारों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया

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1,78,643 परिवारों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया
1,78,643 परिवारों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया
 प्रदेश में 24,210 हेक्टेयर भूमि पर इस विधि से की जा रही खेती
राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना से आएगी किसानों के जीवन में खुशहाली
Himachal News (आज समाज)शिमला। हिमाचल प्रदेश की एक बड़ी आबादी कृषि और कृषि संबंधित कार्यों से आजीविका अर्जित करती है। मेहनतकश किसान खून-पसीना बहाकर खेतों से सोना उगाते हैं। अन्नदाता को उनकी मेहनत का वाजिब दाम मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अनेक महत्त्वकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं।
प्रदेश सरकार की राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना किसानों की आय में बढ़ोतरी का मार्ग प्रशस्त करेगी। योजना के प्रथम चरण में प्रत्येक पंचायत से 10 किसानों को रसायनमुक्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत लगभग 36 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना से जुड़ने वाले किसानों द्वारा प्राकृतिक रूप से तैयार गेहूं को 40 रुपये और मक्की को 30 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। देश में गेहूं और मक्की पर दिया जाने वाला यह सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य होगा।
किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रदेश सरकार की मुहिम रंग ला रही है। वर्तमान में प्रदेश के 1,78,643 किसान-बागवान परिवारों ने प्राकृतिक खेती पद्धति को अपनाया है। प्रदेश में 24,210 हेक्टेयर भूमि पर इस विधि से खेती की जा रही है और चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के 9.61 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2023-2024 में 1275.31 लाख रुपये व्यय कर 37,087 किसानों को लाभान्वित किया गया और 13,176 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक भूमि के अधीन लाया गया है। प्राकृतिक खेती उत्पादों की बिक्री के लिए 10 मंडियों में स्थान निर्धारित कर आधारभूत अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है।