1545 किरायेदार बनेंगे निगम की संपत्ति के मालिक, करें आवेदन

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Mayor Madan Chauhan
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यमुनानगर (प्रभजीत सिंह) नगर निगम की दुकानों पर 20 साल और इससे अधिक समय से काबिज दुकानदारों को मलिकाना हक देने की प्रक्रिया सरकार की ओर से शुरू कर दी गई है। मेयर मदन चौहान ने बताया कि सरकार की इस मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत टिवनसिटी में 1545 पात्र है। पात्र संपत्ति पर अपना मालिकाना हक लेने के लिए पोर्टल पर आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पहले पात्र नगर निगम कार्यालय में भी आवेदन कर सकते थे। लेकिन अब केवल पोर्टल पर ही आॅनलाइन आवेदन किए जा सकते है।
मेयर चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि शहरी स्थानीय निकाय की संपत्ति पर 20 साल व उससे ज्यादा समय तक के किरायेदारों को मालिकाना हक दिया जाएगा।

शहर की मीरा बाई मार्केट, वर्कशॉप रोड, शिवाजी मार्केट, रामपुरा, इंदिरा मार्केट, जवाहर मार्केट, यमुनानगर अनाजमंडी व सब्जीमंडी कन्हेया चौक के नजदीक, जगाधरी व अन्य मार्केट में नगर निगम की दुकानें है। इनमें 1545 दुकानदार योजना के पात्र पाए गए है। जो लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। पहले मालिकाना हक लेने के लिए दुकानदारों को नगर निगम कार्यालय में आकर आवेदन करना था। लेकिन अब निदेशालय ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। अब पात्र अपने आवेदन पोर्टल पर आॅनलाइन करेंगे। सरकार की इस पॉलिसी के तहत टिवनसिटी के 1545 लोगों को उनकी दुकानों व अन्य संपतियों पर मालिकाना हक दिया जाएगा। इन लोगों को दुकान व अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री अपने नाम कराने के लिए कलेक्टर रेट में 20 से 50 फीसदी तक की छूट प्रदान की जाएगी।

50 साल से काबिज पात्र को मिलेगी छूट
मेयर मदन चौहान ने बताया कि नगर निगम की दुकानों व मकानों पर लीज पर रहने वाले उन तमाम लोगों को मालिकाना हक मिलेगा, जो कम से कम 20 साल से इस प्रॉपर्टी पर काबिज हैं। 31 दिसंबर 2020 को 20 साल पूरे होने की अवधि मानी जाएगी। यानी उनकी लीज एक जनवरी 2000 से पहले की होनी चाहिए। जो व्यक्ति 50 साल से ऐसी प्रॉपर्टी पर काबिज है, उसे रजिस्ट्री कराते समय कलेक्टर रेट पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 40 साल से काबिज व्यक्ति को 40 फीसद, 30 साल से काबिज लोगों को 30 फीसद और 20 साल से काबिज व्यक्तियों को 20 फीसद छूट कलेक्टर रेट में मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति 100 साल से काबिज है, उसे भी अधिकतम 50 फीसद की छूट मिलेगी। यानी वह प्रॉपर्टी मुफ्त में अपने नाम कराने का दावा नहीं कर सकता।

ऐसे करना होगा आवेदन
प्रॉपर्टी अपने नाम करवाने के लिए लाभपात्र को पॉर्टल पर आवेदन करना होगा। इसके साथ योग्यता संबंधित दस्तावेज, साइट प्लान, तल अनुसार निर्मित भवन प्लान स्वयं सत्यापित करके आवेदन के साथ देना होगा। आवेदन के साथ अधिकार को प्रमाणित करने के लिए निगम द्वारा जारी आबंटन पत्र, संपत्ति स्थानांतरण पत्र, वास्तविक आबंटी या उप किरायेदारी का समझौता पत्र, संबंधित संपत्ति को प्रमाणित करने वाला निगम का रिकार्ड, किराये की रसीद, बिजली या पानी कनेक्शन की प्रतिलिपि, संबंधित संपत्ति का सेल टैक्स, वेट, जीएसटी में से एक का संबंधित रजिस्ट्रेशन नंबर, आयकर रिर्टन या फायर एनओसी की प्रतिलिपि में से एक लगाना होगा। इसके बाद निगम अधिकारी इसकी जांच करेंगे। निर्धारित फीस जमा करवाने के बाद व्यक्ति को योजना का लाभ दिया जाएगा।

अलग अलग मंजिल के लिए अलग कीमतें-
यदि भवन केवल एक अलाटी के नाम है तो उसे बेस रेट देना होगा। दोमंजिला भवन होने पर भू-तल के लिए बेस रेट का 60 फीसद और प्रथम तल के लिए बेस रेट का 40 फीसद पैसा देना होगा। तीन मंजिला भवन होने पर भू-तल के लिए बेस रेट का 50 प्रतिशत, प्रथम तल के लिए बेस रेट का 30 प्रतिशत और द्वितीय तल के लिए बेस रेट का 20 प्रतिशत राशि का भगुतान करना होगा। छत का अधिकार ऊपरी तल के आवेदक का होगा, लेकिन इस पर अतिरिक्त निर्माण का अधिकार नहीं होगा। इसके अलावा बेसमेंट के लिए भी मालिकाना हक की योजना तैयार की जा रही है।

कलेक्टर रेट में ऐसे मिलेगी छूट

कब्जा –                  कलेक्टर रेट में छूट (रुपये में)
20 साल –                         20 फीसद

25 साल –                         25 फीसद

30 साल –                         30 फीसद

35 साल –                         35 फीसद

40 साल –                         40 फीसद

45 साल –                         45 फीसद

50 साल या इससे अधिक –  50 फीसद।