लंदन। एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ बल्लेबाजी करने उतरे आॅस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मार्नस लाबुशेन ने इतिहास रच दिया है। स्टीव स्मिथ की जगह बल्लेबाजी करने उतरे लाबुशेन टेस्ट क्रिकेट में पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जो सब्स्टीट्यूट के तौर पर बल्लेबाजी करने उतरे। लाबुशेन एक आॅलराउंडर खिलाड़ी हैं और सब्स्टीट्यूट के तौर पर उनका मैदान में उतरना टीम के फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि उन्हीं की 59 रन की पारी ने मैच ड्रॉ करवाने में भी अहम रोल अदा किया। एशेज सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का हिस्सा है और इस टूर्नामेंट में आईसीसी के नए नियम लागू हुए हैं।
नए नियमों के मुताबिक किसी बल्लेबाज के सिर या गर्दन में चोट लगने के बाद उसकी जगह सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी से बल्लेबाजी करवाई जा सकती है। एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन लॉर्ड्स में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर बॉउंसर के कारण आॅस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ बुरी तरह चोटिल हो गए थे और उन्हें रिटायर्ड हर्ट होकर बाहर जाना पड़ा था। आर्चर की ये गेंद 148 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से स्मिथ की गर्दन पर लगी थी।
आॅस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का दूसरा रोमांचक मुकाबला ड्रॉ पर छूटा। पांचवें दिन आॅस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 154/6 का स्कोर बनाकर मुकाबला ड्रॉ करवाया। आॅस्ट्रेलिया के लिए ट्रेविस हेड और मार्कस लाबुशेन ने दूसरी पारी में शानदार पारी खेली और एक समय हार की कगार पर पहुंच चुकी अपनी टीम को मुसीबत से बाहर निकाला। इस मैच के ड्रॉ होने पर आॅस्ट्रेलिया के पास सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल है। मुकाबले में टेस्ट क्रिकेट के 142 वर्ष के इतिहास में पहली बार 12वें नंबर के खिलाड़ी को बल्लेबाजी का मौका मिला। एशेज 2019 के दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में जोफ्रा आर्चर की जानलेवा बाउंसर से चोटिल होकर लॉर्ड्स टेस्ट से बाहर होने वाले स्टीव स्मिथ की जगह टीम में मार्कस लाबुशेन को शामिल किया गया।
युवा बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन लॉर्ड्स टेस्ट में 4 दिन तक प्लेइंग एकादश का हिस्सा नहीं थे। अचानक ही मैच के 5वें दिन खेल शुरू होने से कुछ समय पहले उन्हें पता चला कि स्मिथ की जगह वह खेलेंगे। मानसिक तौर पर उनके लिए यह कुछ चुनौतीपूर्ण तो रहा होगा। चौथी पारी में आॅस्ट्रेलिया लॉर्ड्स टेस्ट बचाने के लिए (ड्रॉ) उतरा था। पारी के छठे ही ओवर में लाबुशेन की बैटिंग भी आ गई। लाबुशेन अभी अपनी पारी की दूसरी ही गेंद खेल रहे थे कि आर्चर बाउंसर से ही उनका स्वागत किया और यह गेंद सीधे उनके हेल्मेट पर लगी।
हेलमेट की ग्रिल पर बाउंसर लगता देख इंग्लैंड के फील्डर और खुद गेंदबाज आर्चर कुछ पलों के लिए असहज दिखे, लेकिन लाबुशेन यहां सुरक्षित थे और हेलमेट ने उनका पूरा बचाव किया। हालांकि कुछ पलों के लिए खेल रोका गया और फिर लाबुशेन ने अपना हेमलेट बदलकर अपनी बैटिंग को जारी रखा। अपनी इस पारी में लाबुशेन ने 100 गेंदों का सामना कर कंगारू टीम की दूसरी पारी में सर्वाधिक 59 रन बनाए और इस टेस्ट को ड्रॉ कराने में अहम रोल अदा किया। एशेज सीरीज में 2 टेस्ट के बाद आॅस्ट्रेलिया 1-0 से आगे है।
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