किन्नौर में भूस्खलन के बाद 14 शव बरामद, पहुंचे सीएम

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Himachal Pradesh, August 12 (ANI): Himachal Pradesh Chief Minister Jai Ram Thakur visits the landslide site to review the rescue operation, in Kinnaur on Thursday. (ANI Photo)
आज समाज डिजिटल, शिमला:
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को किन्नौर जिले में निगुलसरी का हवाई निरीक्षण किया। यहां बुधवार को नेशनल हाईवे-5 पर ज्यूरी रोड के निगोसारी और चौरा के बीच अचानक एक पहाड़ दरक गया था और चट्टानों ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की एक बस व एक ट्रक, एक बोलेरो और 3 टैक्सियों को अपनी चपेट में ले लिया था। हादसे के बाद 14 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, 13 को बचा लिया गया है और कई लापता हैं। 25 और लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से निगुलसरी में मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ व जिला प्रशासन की टीम अथक प्रयास कर रही है। कई लोगों को सुरक्षित निकालने में हमें सफलता प्राप्त हुई है, लेकिन कई अमूल्य जिंदगियों को हम नहीं बचा सके जो बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपए प्रदान करेगी। सीएम हेलीकॉप्टर गुरुवार को एसजेवीएनएल के झाकड़ी स्थित हेलीपेड पर उतरा और उसके बाद वे सड़क मार्ग से घटनास्थल पर पहुंचे। वह अस्पताल में घायलों से भी मिले। हिमाचल सरकार ने बचाव के लिए उत्तराखंड और हरियाणा सरकार से हेलिकॉप्टर मांगे हैं। आर्मी ने भी अपने दो हेलिकॉप्टर भेजे हैं।
पत्थर गिरने के कारण रोका बचाव अभियान : जयराम
पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण पिछले एक घंटे से बचाव अभियान रोक दिया गया है। सीएम ने बताया कि एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी, पुलिस और स्थानीय लोग रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के जवान लाउड स्पीकर के जरिए लोगों को आगाह कर रहे हैं कि पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं और वे घटनास्थल की ओर न जाएं।
ड्राइवर गुलाब व महेंद्र ने सुनाई आंखों देखी कहानी
ड्राइवर गुलाब सिंह ने बताया, यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि बस यहां से गुजर पाएगी या नहीं। ऐसे में मैं और कंडक्टर बस से उतर कर पैदल सड़क पर चल पड़े। जैसे ही थोड़े आगे निकले, चट्टानें गिरनी शुरू हो गईं। हम दोनों पीछे की तरफ भागे और सड़क किनारे एक जगह पर छिप गए। इसके बाद भारी भरकम चट्टानें और मलबा बस समेत दूसरे वाहनों पर गिर गए। वो माहौल बेहद डरावना था। कंडक्टर महेंद्र पाल ने बताया, बस में करीब 25 यात्री सवार थे। जैसे ही हम निगुलसेरी पहुंचे, तो देखा कि सामने पहाड़ी से चट्टानें गिर रही हैं। हमने बस को 100 मीटर पीछे ही रोक दिया। यहीं पर कार और ट्रक समेत दूसरी गाड़ियां भी रुक गईं। इसके बाद अचानक पहाड़ी चट्टानें सभी गाड़ियों पर गिर गईं।