1349 prisoners released from prison bars: जेल के सींखचों से रिहा हुए 1349 कैदी…कैदी रिहा…

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राजस्थान दिवस पर हुआ कुछ ऐसा जिसने रच दिया इतिहास। पहली बार देश में रिहा हुए 1349 कैदी। जिनकी सजा थी बाकी लेकिन अच्छा आचरण समेत कुछ पैमानों पर जो उतरे खरे। आंखों में खुशी के आंसू और नई जिंदगी की शुरूआत के सपने लिए। सीएम अशोक गहलोत के आदेश के बाद जयपुर सेंट्रल जेल समेत प्रदेश भर की जेलों से क्यों किया गया इन्हे रिहा और क्या रही पूरी प्रक्रिया। राजस्थान ने पेश की ऐसी नजीर जिसे देश के अन्य राज्य भी अब करेंगे फॉलो…

एंकर- आंखों से छलकते खुशी के आंसू और उम्मीदों का संसार संजोए रामोतार मीणा चौदह साल बाद जब जेल से छूटा तो आंसू रोके नहीं रूक पाए। रामोतार मीणा जैसे 1349 ऐसे कैदियों को आज जेल से रिहा किया गया। जिनकी सजा बाकी थी लेकिन अच्छे आचरण और अन्य पैमानों पर खरे उतरे ऐसे 1349 कैदियों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल के बाद रिहा किया  गया। जिसमें 39 जयपुर जेल से छूटे इनमें 38 पुरूष जबकि एक महिला शामिल थी,,जो अब नई शुरूआत करना चाहते है, डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहदयता के चलते ये संभव हो पाया। सीएम को जेल विभाग की तरफ से 23 मार्च को प्रस्ताव भेजा गया। अगले ही दिन मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई और उसके बाद मंजूरी दे दी गई। डीजी जेल की माने तो ऐसे कैदी जिनका आचरण अच्छा रहा साथ ही जिन्होंने चौदह साल की सजा पूरी कर ली लेकिन आजीवान कारावास की सजा उन्हे मिली थी। साथ ही कैंसर एड्स समेत अन्य गंभीर बीमारी या विकलांग और ऐसी महिलाएं जिन्होंने दो तिहाई सजा पूरी कर ली उन्हे इस कैटेगिरी में रखा गया,,,डीजी जेल ने कहा कि कैदियों को रिहा करना एक दो धारी तलवार है। क्यों कि सजायाफ्ता को रिहा करने के बाद यदि समाज में दोबारा अपराध करता है तो विभाग की छवि खराब होती है साथ ही समाज के लिए भी ठीक नही। ऐसे में बेहद सावधानी और होमवर्क के बाद ऐसे कैदियों को आजाद किया गया है जो वाकई जेल की सींखचों के पीछे न हीं बल्कि खुली हवा में रहने के हकदार है,,बहरहाल,राजस्थान की ये पहल देश को भा रही है और अन्य राज्य भी अपने यहां कैदियों को रिहा करने के लिए राजस्थान डीजी जेल राजीव दासोत से संपर्क में है। राजस्थान दिवस के मौके पर राजस्थान की पहल ने न सिर्फ मानवता की मिसाल पेश की बल्कि प्रदेश का सिर भी किया है गौरव से उंचा।