12 सौ पेटी शराब पकड़ी, तस्कर तक नहीं पहुंच पाई पुलिस

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12 hundred boxes of liquor caught

एक ही परमिट पर शराब की फैक्ट्री से बाहर आ रहे हैं दो दो कंटेनर, सरकार को लग रहा है एक्साइज ड्यूटी का लाखों का चूना

नरेश भारद्वाज,कैथल:

पूंडरी कैथल रोड और गांव टयौंठा के पास पकड़ा गया शराब का ट्रक और उसमें रखी 28 लाख रुपए की शराब ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने केवल ड्राइवर के खिलाफ मामूली सा मामला दर्ज कर ट्रक को जब्त कर लिया। पूंडरी थाना में दर्ज एफआईआर में न तो ट्रक मालिक को नामजद किया गया और न ही शराब तस्कर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। सब इंस्पेक्टर धर्मपाल ने पूंडरी थाना में अपनी तहरीर में लिखा है कि उसे सूचना मिली थी कि एक कंटेनर जिसका नंबर एचआर 69ई0895 ढांड की तरफ से पूंडरी आ रहा है। उसने गांव टयौंठा के पास नाकेबंदी की। कुछ समय बाद ढांड की तरफ से एक कंटेनर आया। जिसे हाथ का इशारा करके रुकवाया गया। जब ड्राइवर से उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम सतबीर सिंह पुत्र लालचंद निवासी भाणा बताया। जब उन्होंने गाड़ी चेक की दो उसमें शराब रखी हुई थी। मंगलवार को गिरफ्तार किए गए ड्राइवर सतबीर को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।

रूट परमिट भी गलत और ड्राइवर का नाम भी फर्जी

धर्मपाल के अनुसार जब ड्राइवर से शराब के लाइसेंस और दूसरे कागजात मांगे गए तो उसने 1200 पेटी शराब का परमिट दिखाया। जिसकी कीमत 28 लाख से अधिक थी। उसने शराब का जो रूट परमिट दिखाया वह नीलोखेड़ी ढांड, कैथल दर्ज किया गया था। जबकि कंटेनर को कैथल करनाल मार्ग पर गांव टयौंठा के पास पकड़ा गया था। कंटेनर का तय रूट पर ना जाने से साफ जाहिर है कि उस में रखी गई शराब तस्करी करके लाई गई थी। जो दूसरे जिले से लाकर कैथल में बेची जानी थी। परमिट में ड्राइवर का नाम नवनीत लिखा गया था जबकि शराब के साथ पकड़े गए ड्राइवर का नाम सतवीर है यानी कि ड्राइवर का नाम फर्जी था। सब इंस्पेक्टर धर्मपाल ने लिखा है कि ड्राईवर सतबीर द्वारा पेश किये कागजात के अनुसार गाड़ी का रुट निलोखेडी, ढाण्ड, कैथल है। ड्राईवर का नाम नवनीत पाया जाने पर भिन्नता पाई गई है व रुट बदलकर शराब से भरे कनटैनर को अवैध तरीके से लेकर जाना पाया गया। कागजात में ट्रांसपोर्टर का नाम अनिल चहल एंड कंपनी लिखा गया है। ऐसे में केवल बेचारे ड्राइवर के नाम एफआईआर दर्ज कर शराब के तस्कर और सप्लायर को छोड़ दिया गया। पुलिस की इस तरह की कार्रवाई कई सवालिया निशान खड़े करती है। इस बारे में पूछने पर डीएसपी रविंद्र सांगवान का कहना है कि पुलिस ड्राइवर सतबीर सिंह का पुलिस रिमांड लेगी। उससे पूछताछ के बाद जांच में पूरे मामले का खुलासा होगा। इसके बाद पुलिस इस मामले में संलिप्त दूसरे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी।

परमिट पर कैसे बदलता है ड्राइवर का नाम

एक्साइज मामलों के जानकार एडवोकेट अजय गुप्ता का कहना है कि एक ही परमिट पर शराब की डिस्टलरी से 2 कंटेनर निकाले जाते हैं। एक कंटेनर पर लगभग 4 लाख एक्साइज ड्यूटी बनती है। पहले कंटेनर को एक्साइज ड्यूटी अदा करके रवाना कर दिया जाता है। जब वह अपने गंतव्य पर पहुंच जाता है तो शराब की फैक्ट्री से उसी परमिट पर उतनी ही शराब के साथ दूसरा कंटेनर रवाना कर दिया जाता है। पहले कंटेनर पर जिस ड्राइवर का नाम लिखा होता है। वही ड्राइवर उस कंटेनर को ले जाता है, लेकिन दूसरे कंटेनर के परमिट पर नाम तो पहले वाले ड्राइवर का लिखा होता है लेकिन वास्तव में ड्राइवर बदल जाता है। क्योंकि सही ड्राइवर पहले कंटेनर ले जा चुका होता है। इस तरह यह अवैध शराब का खेल होता है। जिसमें सरकार को लाखों रुपए की एक्साइज ड्यूटी का चुना लगाया जाता है। कैथल में पिछले साल सीएम फ्लाइंग ने पहले भी इसी तरह से शराब के कंटेनर पकड़े थे। जिनमें शराब की फैक्ट्री के मालिक से लेकर एक्साइज विभाग के अधिकारी तक संलिप्त पाए गए थे।

 

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