पुंछ। पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान का दो चेहरा हमेशा ही सामने आता रहा है। एक तरफ दोस्ती की पेशकश करना तो दूसरी तरफ गोलाबारी करना। सीमा पर गोलाबारी करना और आतंकियों को भारत में घुसपैठ के लिए कवर फायर देना उनकी पुरानी आदत है। नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का नतीजा सामने आया कि एक नन्हें से बच्चे का अपनी जान गवानी पड़ी। सोमवार को पुंछ जिले के शाहपुर गांव पाकिस्तानी गोलाबारी में मात्र 12 दिन के मासूम की मौत हो गई वहीं मां और पड़ोसी गंभीर रूप से घायल हो गए। रविवार को उन्हें कड़े प्रयासों से गोलाबारी के बीच से निकालकर पुंछ के राजा सुखदेव सिंह जिला अस्पताल पहुंचाया गया। उनकी हालत नाजुक देखते हुए उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जीएमसी जम्मू रेफर कर दिया गया। 12 दिन के बच्चे को गोलाबारी का निशाना बनाए जाने से हर किसी के दिल में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ रोष और नफरत देखने को मिल रही है।
पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल मोहम्मद आरिफ और फातिमां जान की हालत काफी नाजुक बनी हुई है। वहीं फातिमां के 12 दिन के मासूम की मौत सोमवार सुबह इलाज के दौरान हो गई। इनके रिश्तेदारों का कहना है फातिमां का परिवार अपने मकान के अंदर रात को खाना खाने की तैयारी कर रहा था तभी पाकिस्तानी सेना की तरफ से दागा गया एक गोला छत को भेदता हुआ अंदर आ गिरा। इससे तीनों घायल हो गए थे। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना की तरफ से शाम पांच बजे से शाहपुर, सावजियां सेक्टर में भारी गोलाबारी शुरू की गई थी। इसके बाद करीब नौ बजे से मेंढर सब डिवीजन के मनकोट में भी पाकिस्तानी सेना ने नापाक हरकत को अंजाम देना शुरू कर दिया था। सीमापार से गोलाबारी सोमवार सुबह तक जारी रही।