नहीं छोड़ा श्मशान घाट, विकास के नाम पर चढ़ा दिए 12 करोड़, महिला गिरफ्तार

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12 Crores Scandal, Woman Arrested
12 Crores Scandal, Woman Arrested

आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
हेराफेरी कहें या घपला इसके लिए श्मशान घाट तक को नहीं छोड़ा गया। ये रिपोर्ट है पंजाब विजिलेंस की पटियाला यूनिट की। इस आरोप में एक महिला सरपंच को गिरफ्तार किया गया है।

महिला सरपंच से हो रही पूछताछ

गांव आकड़ी की सरपंच हरजीत कौर को पंचायती फंड में से 12 करोड़ 24 लाख से अधिक रुपयों के गबन के आरोप में हिरासत में लिया है। आरोप है कि उसने श्मशान घाट और अन्य विकास कार्यों के नाम पर उक्त राशि का दुरुपयोग कर पैसे का गबन किया। विजिलेंस का कहना है कि उनकी जांच के अलावा गांव के विकास कार्यों संबंधी विभागीय जांच ग्रामीण विकास और पंचायत के अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्त कमिश्नर की ओर से पूरी की है। जांच में पता लगा कि गांव आकड़ी में सरपंच हरजीत कौर की ओर से विकास कार्यों में 12।24 करोड़ का घपला था।

इन धाराओं में हुआ केस दर्ज

पंचायती फंड में किए गए कथित घपलों की जांच के लिए विजिलेंस ब्यूरो के थाना पटियाला में कढउ की धारा 406, 420, 409, 465, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) और 13(2) के तहत पहले ही मामला दर्ज है। विजिलेंस ब्यूरो से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार की पुड्डा अथॉरिटी ने अमृतसर-कोलकाता एकीकृत कॉरिडोर के निर्माण के लिए पांच अलग-अलग गांवों की 1104 एकड़ शामलात जमीन (पंचायत की भूमि) का अधिग्रहण किया था। इसके लिए पटियाला जिले के शंभू ब्लॉक के 5 गांवों पब्बरा, तख्तू माजरा, सेहरा, सेहरी और अकड़ी को कुल 285 करोड़ रुपए की राशि दी गई थी। इस कुल राशि में से ग्राम पंचायत आकड़ी की अधिग्रहण की गई 183 एकड़ से अधिक जमीन के बदले करीब 51 करोड़ रुपए मिले थे।

चालाक थीं सरपंच, ऐसे पकड़ा फर्जीवाड़ा

विजिलेंस द्वारा पड़ताल के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपी सरपंच हरजीत कौर ने उपरोक्त फंड का प्रयोग करके गांव में विकास कार्य शुरू करवाए थे। हालांकि जांच दल की तकनीकी टीम ने इन कार्यों की फिजिकल चेकिंग के दौरान पाया कि हरजीत कौर द्वारा गांव के छप्पड़, कम्युनिटी सेंटर, श्मशान घाट, पंचायत घर और नाले की पटरी के फर्जी निर्माण के नाम पर ग्राम पंचायत से जाली प्रस्ताव पास कर फंड का बड़े स्तर पर दुरुपयोग किया गया है। कार्यों को सही साबित करने के लिए हरजीत कौर ने अलग-अलग फर्मों को इन कार्यों के लिए बैंक चेक के द्वारा भुगतान किया था।

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