11 Divers Deployed on Yamuna Bridge : यमुना पुल पर तैनात 11 गोताखोर, डूबने से बचाने वाले सभी मुस्लिम, दे रहे भाईचारे की मिसाल

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11 Divers Deployed on Yamuna Bridge
11 Divers Deployed on Yamuna Bridge

Aaj Samaj (आज समाज),11 Divers Deployed on Yamuna Bridge,पानीपत : कांवड़ यात्रा के दौरान मुस्लिम गोताखोर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे हैं। यूपी प्रशासन की ओर से यमुना पर तैनात 25 गोताखोर यमुना में डूबने वालों की जान बचा रहे हैं। 10 वर्षों में अब तक 90 लोगों की जान इन गोताखोरों द्वारा बचाई जा चुकी है। कांवड़ यात्रा के दौरान एक बार फिर मुस्लिम गोताखोर इंसानियत का धर्म निभाते हुए यमुना तट पर तैनात हो चुके हैं। मजहबी दीवारों को तोडक़र एक दशक से शिवभक्तों को डूबने से बचाने वाले इन गोताखारों पर क्षेत्र के लोगो को नाज है। वो यूपी ही नहीं, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान हर राज्य के कांवडिय़ों को डूबने से बचाते हैं।

 

 

  • यूपी प्रशासन ने कावड़ियों के लिए तैनात किए 25 गोताखोर, जिनमें से 11 यमुना पुल तो अन्य दूसरी जगहों पर
  • तैनात किए गए सभी गोताखोर मुस्लिम होने के साथ-साथ सभी एक ही गांव के है निवासी
  • यमुना पुल से लगते गांव मवी के हर घर में गोताखोर, डूबने की सूचना मिलते ही इंसानियत के लिए लगा देते है जान की बाजी

 

 

मकसद सिर्फ इंसान की जान बचाना, जिसमें कोई धर्म आड़े नहीं आता

इनका मकसद सिर्फ इंसान की जान बचाना होता है, जिसमें कोई धर्म आड़े नहीं आता है। कांवड़ यात्रा के दौरान यमुना पुल पर तैनात गोताखोर दिलशाद, जाहिद, मुस्तकीम, बिल्लू आदि ने बताया कि वो एक ही गांव के 25 गोताखोरों को यूपी प्रशासन की और से तैनात किया गया है। जिनमें से 11 यमुना पुल पर तैनात है, जबकि अन्य शामली नहर, बड़ौली पुल के पास तैनात है। यमुना पुल पर तैनात 11 गोताखोरों में से 6 दिन के समय और 5 रात के समय ड्यूटी पर तैनात रहते है। उक्त ये सभी मुस्लिम धर्म से हैं। हर साल की तरह इस बार भी ये गोताखोर भोले के भक्तों को बचाने के लिए यमुना तट पर तैनात हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि पिछले आठ दिन से सभी गोताखोर कैराना प्रशासन ने अभी ये 25 गोताखोर तैनात किए हुए है, लेकिन इनके अलावा गांव के ही 25 और गोताखोरों को अलर्ट किया गया है। जो सूचना मिलते ही आसपास डूबने वाले लोगों को निकालने के लिए पहुंच जाते हैं। खास बात यह है कि सभी गोताखोर मुस्लिम हैं और शामली के मवी अहतमाल तिमाली गांव के रहने वाले हैं।

गांव की आबादी करीब तीन हजार, हर घर में तैराक

यूपी में यमुना पुल के नजदीक मवी अहतमाल तिमाली ग्राम प्रधान के पति जाहिद हसन ने बताया कि  गांव की आबादी करीब तीन हजार है। यहां पर 285 से अधिक मकान होंगे। खास बात यह है कि हर घर में कोई न कोई गोताखोर हैं। एक घर में तीन से चार सदस्य भी तैरना जानते हैं। क्योंकि गांव यमुना किनारे है और बचपन में ही सभी तैरना सीख लेते हैं।

यमुना पुल से होकर गुजरते हैं कई प्रदेशों के शिवभक्त

यमुना पुल से कांवड़ लेकर मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और शामली से बागपत, गाजियाबाद आदि से शिवभक्त गुजरते हैं। कई बार यमुना नदी में स्नान करने के दौरान शिवभक्त डूब जाते हैं, जिसके कारण यहां पर अलग से गोताखोरों की टीम को तैनात किया जाता है।

डूबते को जीवित निकालने पर मिलती है खुशी

गोताखोर दिलशाद, जाहिद, मुस्तकीम, बिल्लू का कहना है कि पिछले कई साल से शिव भक्तों को बचाने के लिए जुटे हैं। दस सालों में करीब 90 से अधिक को जिंदा बाहर निकाला है, जबकि कुछ मौत के मुंह में समा गए। लोगों को जिंदा निकालने पर मन को जो खुशी होती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

प्रशासन से मिलते 400 रूपए, इंसानियत के नाते बचा रहे जान

बिल्लू ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान उन्हें प्रशासन से सिर्फ 400 रुपये मदद के नाम पर मिलते हैं। जिसमें गुजारा करना संभव नहीं है। मगर वे सभी इंसानियत के नाते शिव भक्तों की जान बचा रहे हैं। अन्य दिनों में सभी मजदूरी और खेती बाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं।