यमुनानगर : कोरोना की मार्कशीट में 34 प्रतिशत पर पास किए 10+2 विद्यार्थी, अब कॉलेजों में दाखिले को लेकर चुनौती

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प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
अब की बार कोरोना महामारी के चलते बगैर पेपर दिए रिजल्ट बनाए गए और ऐसा ही मामला हरियाणा शिक्षा बोर्ड के ओपन 12वीं के विद्यार्थियों का है। उनको केवल 34 प्रतिशत नंबर देकर 12वीं कक्षा में पास कर दिया गया, अब ना तो स्टूडेंट उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए किसी कालेज में एडमिशन ले सकते हैं और ना कहीं वह नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
छात्र-छात्राओं का कहना है शिक्षा बोर्ड ने ओपन के सभी विद्यार्थियों के साथ एक बड़ा खिलवाड़ किया है और उनके भविष्य को चौपट कर दिया है। जिसको लेकर सभी स्टूडेंट्स व उनके अभिभावकों में भारी रोष है। इसी को लेकर सोमवार को ओपन बोर्ड के छात्राओं ने शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर के नाम उनके सुपुत्र निश्चल चौधरी को उनके निवास स्थान जगाधरी पर जाकर मांग पत्र सौंप कर उनसे गुहार लगाई है कि ओपन बोर्ड के विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए सभी छात्र छात्राओं के साथ न्याय किया जाए। मांग पत्र देते हुए विद्यार्थी प्रभदीप सिंह, अभिषेक, विश्वजीत, निधि, विजय, निश्चय, समीक्षा व प्रवीणा आदि ने बताया कि अप्रैल 2021 के लिए उन्होंने 10+2 ओपन का फॉर्म भरा था। प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के कारण छात्रों के स्वास्थ्य को देखते हुए 12वीं ओपन बोर्ड की परीक्षा स्थगित कर विद्यार्थियों को दसवीं कक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर ही 12वीं कक्षा में अंक देकर पास करने का निर्णय लिया गया था, जो की स्थिति को देखते हुए सरकार का उचित कदम था। परंतु हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा हमें बारहवी कक्षा में दसवीं कक्षा में प्राप्त अंक के समान अंक ना देकर न्यूनतम 34 प्रतिशत देकर पास कर दिया गया। जिस कारण हम उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने से वंचित हो रहे हैं। क्योंकि उच्च शिक्षा हेतु कालेज में बीए में दाखिले के लिए 10+2 में न्यूनतम 35 प्रतिशत अंक चाहिए। और डी फामेर्सी में दाखिला लेने के लिए 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र ही रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस प्रकार हम रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवा पा रहे हैं । ऐसी स्थिति में सरकार या तो 34 प्रतिशत से अंक बढ़ाकर रिजल्ट दोबारा तैयार करें, ताकि वह आगे कॉलेज में एडमिशन ले सके या फिर कॉलेज में उच्च शिक्षा के लिए एडमिशन के लिए न्यूनतम प्रतिशतता 35 प्रतिशत व डी फामेर्सी में दाखिले के लिए 50 प्रतिशत की शर्त को हटाकर 34% किया जाए।
विद्यार्थियों का कहना है कि इस बारे उन्होंने भिवानी बोर्ड से भी फोन पर संपर्क किया तो बोर्ड ने सुझाव दिया था कि अंक इंप्रूवमेंट का फॉर्म भर कर दोबारा परीक्षा दे दे। परंतु इंप्रूवमेंट की परीक्षा के लिए ना तो बोर्ड ने अभी तक कोई तिथि निर्धारित की है और ना ही प्रणाम की तिथि निर्धारित की है। जब तक इंप्रूवमेंट की परीक्षा होगी और उसके परिणाम आएंगे तब तक कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी इस प्रकार वह हायर एजुकेशन से वंचित रह जाएंगे।