नई दिल्ली:
दिल्ली में इस मानसून चंदन के पेड़ लगाने का काम भी शुरू होगा। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने रविवार को सुंदर नर्सरी के दौरे के दौरान दिल्ली के सभी भूस्वामित्व वाले विभागों को निर्देश दिया कि वे अपने उद्यान, पार्कों और खाली पड़ी जमीन पर चंदन के पेड़ लगाने का अभ्यास शुरू करें। उन्होंने कहा कि चंदन के पेड़ लगाने से विभाग अपने भूमि संसाधनों से आमदनी भी कर सकते हैं। एलजी ने डीडीए, एमसीडी, दिल्ली पार्क्स एंड गार्डन सोसाइटी, दिल्ली बायोडायवर्सिटी सोसाइटी और अन्य विभागों को भी सलाह दी है कि मानसून में ही चंदन का पेड़ लगाएं। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर इसपर काम शुरू करें तो 10 हजार चंदन के पेड़ दिल्ली में होंगे।
उपराज्यपाल ने डीडीए, एमसीडी और अन्य विभागों को मानसून में पेड़ लगाने का निर्देश
उपराज्यपाल ने सभी भूस्वामियों से अपने यहां चार-चार चंदन के पेड़ लगाने की अपील की है। एलजी ने कहा कि संसाधन की कमी वाले किसान चंदन के दो पेड़ों से ही अपने बच्चों की शिक्षा पूरी कर सकते हैं। बाकी दो से उनके भविष्य के लिए सोच सकते हैं। उदाहरण देते हुए कहा कि एक चंदन का पेड़ 12 से 15 साल में तैयार होता है। मौजूदा दरों के अनुसार 12-15 लाख रुपये में बिकता है। इस दर पर 10,000 चंदन के पेड़ तैयार होंगे तो उससे 12 से 15 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। उपराज्यपाल ने कहा कि चंदन का वृक्षारोपण, राजधानी की वनस्पति विविधता को जोड़ने और सामान्य वातावरण को समृद्ध करने के अलावा, सरकारी भूमि से आमदनी को बढ़ावा भी देगा। शहर में भूमि देने वाली एजेंसियों और किसानोंध्भूमि-धारकों के लिए वित्तीय संपत्ति भी खड़ा करेगा। सुंदर नर्सरी के दौरे के दौरान उन्होंने केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में अपने पिछले कार्यकाल में नासिक, वाराणसी, गांधी नगर और दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर सफलतापूर्वक 2000 चंदन के पेड़ लगाने के अपने अनुभव के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के राजघाट में लगाया गया पेड़ ना सिर्फ बचा है, बल्कि अब नौ से दस फीट का हो गया है।