फर्जी कॉल्स के माध्यम से हो रही धोखाधड़ी और ठगी को रोकने के लिए सरकार कर रही प्रयास
Spam Calls (आज समाज) नई दिल्ली: फर्जी कॉल्स के माध्यम से हो रही धोखाधड़ी और ठगी को रोकने की दिशा में केंद्र सरकार लगातर प्रयास कर रही है। सरकार ने इसके लिए टेलीकॉम आॅपरेटरों को भी तीन महीने तक कॉल कनेक्ट होने से पहले कॉलर ट्यून की जगह जागरूकता संदेशों का उपयोग करने के निर्देश दिए है।
इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि सरकार हर दिन 1.3 करोड़ (13 मिलियन) फर्जी कॉल्स को ब्लॉक करने के प्रयास कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में यह बात कही। इस दौरान उन्होंने संचार साथी पोर्टल की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह पोर्टल फर्जी कॉल्स को रोकने और चोरी हुए मोबाइल उपकरणों को ट्रैक करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है।
चोरी हुए मोबाइल डिवाइसेज को भी किया जा रहा ट्रेस
उन्होंने बताया कि संचार साथी पोर्टल के माध्यम से अब तक 2.6 करोड़ (26 मिलियन) साइबर धोखाधड़ी से जुड़े मोबाइल उपकरणों को ब्लॉक किया जा चुका है। इसके अलावा, 1.6 करोड़ (16 मिलियन) चोरी हुए मोबाइल डिवाइसेज को भी ट्रेस किया गया है। इस पोर्टल की मदद से 86 प्रतिशत स्पूफ या फर्जी कॉल्स को ट्रेस और ब्लॉक किया जा चुका है। इस पहल के तहत हर दिन 1.3 करोड़ स्पैम कॉल्स को सफलतापूर्वक रोका जा रहा है।
संचार साथी पोर्टल पर कर सकते है फर्जी कॉल्स की शिकायत
भारत सरकार के टेलीकॉम विभाग ने संचार साथी पोर्टल के लिए एक मोबाइल एप लॉन्च किया है, जो एंड्रॉयड और आईफोन दोनों यूजर्स के लिए उपलब्ध है। इस एप के माध्यम से उपयोगकर्ता न केवल फर्जी कॉल्स की शिकायत कर सकते हैं, बल्कि अपने नाम पर पंजीकृत फर्जी सिम कार्ड का भी पता लगा सकते हैं।
फर्जी कॉल्स को ब्लॉक करने में सक्षम तकनीक
इसके अलावा, टेलीकॉम कंपनियों को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित स्पैम डिटेक्शन तकनीक अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने पहले ही एआई-संचालित स्पैम कॉल सिस्टम लागू कर दिए हैं, जिससे लाखों उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी वाली कॉल्स से बचाया जा सके। यह तकनीक आॅपरेटर स्तर पर ही फर्जी कॉल्स को ब्लॉक करने में सक्षम है।
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