कैबिनेट मीटिंग के बाद सीएम नायब सैनी का ऐलान, एक्ट लेकर आई सरकार
Haryana News Chandigarh (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में अब कच्चे कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी। गुरुवार को हुई हरियाणा कैबिनेट मीटिंग में इसे लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि कच्चे कर्मचारियों को लेकर एक एक्ट लाकर उनकी सेवा को सुरक्षित किया जाएगा। आउटसोर्स और एचकेआरएन के तहत लगे 1 लाख 20 हजार कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। सीएम ने कहा कि कर्मचारियों को पे स्केल का बेसिक वेतन मिलेगा। सालाना वेतन वृद्धि का लाभ भी कच्चे कर्मचारियों को सरकार की इस पॉलिसी के तहत मिलेगा। मुख्यमंत्री सैनी ने स्पष्ट किया कि सरकार जो पॉलिसी ला रही है, उसमें 50 हजार रुपए से अधिक वेतन लेने वाले कर्मचारी शामिल नहीं किए जाएंगे। इसके साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं से स्पॉन्सर कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। सीएम ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि 17 अगस्त को फिर से कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है।
ये कर्मचारी होंगे पॉलिसी में शामिल
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मीटिंग के बाद बताया कि जिन कर्मचारियों को 5 साल या इससे अधिक समय हो गया है, उन्हें सरकार की इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा। उन्हें न्यूनतम पे स्केल का 5 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। इसी तरह 8 साल वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पे-स्केल का 10 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा और इससे अधिक जिनकी नौकरी हुई है उन्हें न्यूनतम पे-स्केल का 15 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा।
खरीफ की फसलों पर बोनस देगी सरकार
सीएम ने बताया कि किसान संगठनों से जब उन्होंने मुलाकात की तब उनसे कई सुझाव मिले। सरकार किसानों की फसलें एमएसपी पर खरीदने और आबियाना खत्म करने का फैसला पहले ही ले चुकी है। इस साल मई, जून और जुलाई में कम बारिश हुई है। इसके चलते किसानों के खर्चे बढ़े हैं। इसलिए, कैबिनेट ने चालू खरीफ की फसलों में किसानों को बोनस देने का फैसला किया है। इस साल खरीफ की फसलों पर प्रति एकड़ 2000 रुपए बोनस दिया जाएगा। सीएम ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे 15 अगस्त तक अपनी फसलों का पंजीकरण पोर्टल पर करवाएं। सीएम ने कहा एक एकड़ से कम का किसान अगर कोई है तो उसे भी 2 हजार सरकार के द्वारा दिए जाएंगे। सीएम ने कहा मैं गरीब किसान का बेटा हूं और किसानों की पीड़ा समझता हूं।
पत्रकारों के लिए दो फैसले
सीएम ने बताया कि पत्रकारों को लेकर कैबिनेट ने निर्णय लिया हैं कि रिटायर होने पर मासिक पेंशन में 2 शर्तें थी, उनकों कैबिनेट ने हटा दिया है। जिसके बाद अब पत्रकारों पर अपराधिक मामले के चलते पेंशन की दिक्कत थी, वह अब नहीं होगी। इसके अलावा एक ही परिवार में पति-पत्नी यदि दोनों पत्रकार है, तो उन्हें भी पेंशन दी जाएगी, इससे पहले एक को ही पेंशन मिलती थी।