नई दिल्ली। कोरोना को लेकर चीन की एक और भयंकर लापरवाही सामने आई है। अमेरिकी अधिकारियों से मिली जानकारी और मामले से संबंधित दस्तावेजों को देखने के बाद ‘सीएनएन’ ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के न्यूक्लियर पावर प्लांट में लीकेज की जानकारी मिली है।
अब अमेरिकी सरकार बीते एक हफ्ते से इस रिपोर्ट को लेकर अध्ययन में जुटी हुई है। दरअसल, चीनी न्यूक्लियर पावर प्लांट में फ्रांस की एक कंपनी भी हिस्सेदार थी। इसी कंपनी ने लीकेज के कारण संभावित रेडियोलॉजिकल खतरे को लेकर चेतावनी दी थी।
फ्रेंच कंपनी ने यह भी बताया कि चीन के गुआंगदोंग प्रांत में मौजूद यह न्यूक्लियर पावर प्लांट कहीं बंद न हो जाए, इससे पहले ही चीनी सुरक्षा अधिकारियों ने इसके बाहर विकिरण की स्वीकार्य सीमा को बढ़ा दिया है। दरअसल, फ्रेंच कंपनी ने इस संबंध में यूएस डिपार्टमेंट आफ एनर्जी को चिट्ठी लिखी है।
फ्रांस की कंपनी की ओर से मिली इस चिट्ठी के बावजूद बाइडेन प्रशासन को फिलहाल यह लग रहा है कि न्यूक्लियर प्लांट में स्थिति अभी नियंत्रित है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा स्थिति प्लांट में काम करने वालों और चीनी नागरिकों के लिए खतरा नहीं पैदा कर रही है। हालांकि, यह अपने आप में अजीब है कि एक विदेशी कंपनी अमेरिकी सरकार से मदद मांग रही है जबकि उसके चीनी पार्टनर को इस समस्या के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है।