शास्त्र कहते हैं कि अगर आपके शरीर में कोई कष्ट है, कोई बीमारी है, या आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं, तो आपको सुबह स्नान करने के बाद भगवान सूर्य की आराधना करनी चाहिए, और उन्हें जल अर्पित करना चाहिए। इससे आपके शरीर की दुर्बलता, रुग्णता समाप्त होती है, और आपके चेहरे पर तेज आता है।
वहीं अगर आप वैज्ञानिक रूप से भी इसको देखें, तो आप पाएंगे कि स्नान के बाद सुबह की गुनगुनी धूप में अगर आप थोड़ी देर तक खड़े हों, तो सूर्य की रोशनी से प्राप्त होने वाली विटामिन डी आपके के शरीर की हड्डियों के लिए बेहद लाभकारी होता है। अगर आप सूर्य देवता को जल अर्पित करने जा रहे हैं, एवं जल अर्पित करने वाला पात्र अगर तांबे का बना हो, तो इसका बहुत फायदा होता है। तांबा एक ऐसी धातु है, जिससे जल अर्पित करने पर सूर्य की रोशनी जब जल पर पड़ती है, तो वह रोशनी 7 किरणों में विभाजित हो जाती है। इन 7 किरणों के प्रभाव से मनुष्य के शरीर की नकारात्मक शक्ति बाहर निकल जाती है, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है। अगर आप नियमित तौर पर भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हैं, तो इससे आपके अंदर धीरे-धीरे अहंकार, क्रोध और तनाव जैसी विकृतियों में कमी आने लगती है, तथा आपका जीवन अनुशासित होने लग जाता है।