रंगों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। वास्तु के अनुसार यदि रंगो का प्रयोग सही प्रकार से किया जाए तो यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के साथ ही ये हमारे जीवन में सुख-सौभाग्य में वृद्धि भी कर सकते हैं परंतु यदि रंगों को चयन सावाधानी से न किया जाए तो यह जीवन में समस्याओं को बढ़ा भी सकते हैं।
वास्तु में ऐसे रंगों के के बारे में बताया गया है जो नकारात्मकता को दूर करके जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं। लाल रंग का हर रंग की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली माना गया है। माना जाता है कि यह रंग सुख-समृद्धि लाने में सहायक हो सकता है। इस रंग का प्रयोग उन कमरों में किया जाना चाहिए जहां पर सदैव हलचल यानी लोगों को आना-जाना रहता हो। इसका प्रयोग ड्राइंग रूम में कर सकते हैं लेकिन शयनकक्ष में लाल रंग का प्रयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
वास्तुशास्त्र के अनुसार नारंगी रंग के प्रयोग से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और मानसिक मजबूती मिलती है। इस रंग का प्रयोग उस स्थान या कमरे में किया जा सकता है जहां पर परिवार के सदस्य ज्यादा समय गुजारते हो। वास्तु में पीले रंग का विशेष महत्व माना जाता है। यह रंग उत्साह का प्रतीक है। इसके प्रयोग से मन में निराशा का भाव उत्पन्न नहीं होता है। यह रंग जातक को गंभीर परिस्थितियों का सामना करने की हिम्मत देता है। यही कारण है कि इस रंग को सफलता दिलाने वाला माना जाता है।
इसका प्रयोग घर के हॉल में या फिर ड्राइंग रूम में कर सकते हैं। हरे रंग को शांति और सद्भावना का प्रतीक माना गया है। इस रंग का प्रयोग शयन कक्ष में किया जाए तो वैवाहिक जीवन में तनाव नहीं रहता है। इस रंग का प्रयोग करने से जीवन में सुख-शांति का वास होता है। वास्तु में नीले रंग को सुरक्षा की भावना को प्रबल करने वाला और सत्ययता का प्रतीक माना गया है। इस रंग का प्रयोग करने से जीवन की कठिन परिस्थितियों से निकलने की भावना प्रबल होती है। नीले रंग का प्रयोग उस स्थान पर किया जा सकता है कि जहां आप चिंतन-मनन आदि करते हो।