पूर्व प्रधानमंत्री परिवार की प्रतिष्ठा दाव पर, कई उतरेंगे विधानसभा के चुनावी रण में

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पूर्व प्रधानमंत्री परिवार की प्रतिष्ठा दाव पर, कई उतरेंगे विधानसभा के चुनावी रण में

-दुष्यंत चौटाला, नैना चौटाला, कांता चौटाला, आदित्य देवीलाल, सुनैना चौटाला, दिग्विजय चौटाला, अभय चौटाला व कर्ण चौटाला के विधानसभा चुनावी मैदान में उतरने की संभावना

डॉ रविंद्र मलिक
चंडीगढ़

अगर हरियाणा के प्रभावी और डोमिनेटिंग राजनीतिक परिवारों की बात करें तो देवीलाल परिवार का नाम प्रमुख रूप से आता है। गत लोकसभा चुनाव चौटाला परिवार के लिए एक तरह से दुस्वप्न साबित हुआ पिछले लोकसभा चुनाव में चौटाला परिवार के चार सदस्य रण में उतरे और चारों के चारों को हर का मुंह देखना पड़ा। परिवार से अभय सिंह चौटाला उनके चाचा रणजीत सिंह, नैना चौटाला और नैना चौटाला ने किस्मत आजमाई लेकिन चारों चुनाव हार गए। अब यह माना जा रहा है कि चौटाला परिवार के कई सदस्य अक्टूबर माह में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पुरानी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अब विधानसभा चुनाव में भी पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत देवीलाल के परिवार के आधा दर्जन से ज्यादा सदस्य चुनावी ताल ठोकते हुए नजर आ सकते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब माना जा रहा है कि रणजीत सिंह, अभय चौटाला, नैना चौटाला, कांता चौटाला, सुनैना चौटाला, आदित्य देवीलाल, दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला चुनाव में उतर सकते हैं।

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पिछला लोकसभा चुनाव चार ने लड़ा, चुनाव सारे हार गए
अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश के इस सबसे बड़े सियासी घराने के आधा दर्जन से अधिक सदस्य चुनाव लड़ सकते हैं। पिछली बार तीन सदस्य तो अकेले हिसार सीट पर ही आमने-सामने थे। हिसार सीट से देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह भाजपा की टिकट पर मैदान में थे, उनकी पौत्रवधू नैना चौटाला जजपा की टिकट पर चुनावी रण में थी।
वहीं देवीलाल की पौत्र वधू सुनैना चौटाला इनैलो उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थीं। लेकिन तीनों को हर का मुंह देखना पड़ा और कांग्रेस के उम्मीदवार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी जेपी चुनाव जीतने में सफल रहे। देवीलाल के पौत्र अभय चौटाला ने संसदीय चुनाव में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से इनैलो की टिकट पर चुनाव लड़ा था और उनको भी हार से रूबरू होना पड़ा।

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चौटाला के ऐलनाबाद तो चाचा रणजीत सिंह की रानियां ऐसे चुनाव लड़ने की संभावना

गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले सिरसा में हुई इनेलो की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने एक बार फिर से ऐलनाबाद सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इस सीट से अभय चौटाला पूर्व में चार बार विधायक रह चुके हैं और फिलहाल भी इसी सीट से विधायक हैं।
वहीं दूसरी तरफ उनके चाचा रणजीत सिंह भी एक बार फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी में है बेशक वह लोकसभा चुनाव हार गए लेकिन 77 साल की उम्र होने के बाद भी उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा हिलेरी ले रही हैं। यह भी बता दे कि पिछली दफा रणजीत सिंह ने हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा को करीब 20000 मतों से प्राप्त किया था।
इस बार भी रणजीत सिंह ने अब फिर से अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र से रानियां से ही अगला चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

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देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी भी उतरेगी चुनावी रण में
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पिछली बार की तरह देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी भी चुनावी मैदान में उतरेगी। इसी तरह से रानियां सीट से अभय चौटाला के बेटे कर्ण चौटाला के भी चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है। कर्ण चौटाला ने साल 2022 के पंचायती चुनाव में रानियों में आने वाले जोन संख्या आठ से जिला परिषद का चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा था। ऐसी स्थिति में रणजीत सिंह और उनके पोते
ऐस रानियां सीट पर इस बार दादा-पोता आमने-सामने ही सकते हैं। इसी प्रकार से जजपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला के डबवाली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा है तो इसी सीट पर अभय चौटाला की पत्नी कांता चौटाला के चुनाव लड़ सकती हैं। भाजपा से इस सीट से आदित्य देवीलाल के चुनाव लड़ने की पूरी उम्मीद है और ऐसे में इस सीट पर देवीलाल परिवार के तीन सदस्य एक दूसरे का सामना करते नजर आएंगे। वैसे डबवाली से अगर इनैलो कांता चौटाला को चुनाव नहीं लड़वाती तो यहां से प्रताप चौटाला की पुत्रवधू सुनैना को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इनके अलावा देवीलाल की पौत्रवधू नैना चौटाला एक बार फिर से बाढ़ड़ा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में बाढड़ा विधानसभा सीट से नैना चौटाला ने कांग्रेस के रणबीर महेंद्रा को पराजित किया था। इसी प्रकार दुष्यंत चौटाला पहले से ही उचाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का दावा कर चुके हैं।

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परिवार के अमित सिहाग भी होंगे मैदान में

जहां रणजीत सिंह के भाजपा से चुनाव लड़ने की संभावना है तो वहीं देवीलाल के रिश्ते में पोते और
कांग्रेस विधायक हैं और उनका भी फिर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। अमित सिहाग लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे पर वक्त से उठाते आए हैं। और उनकी गिनती प्रभावी विधायकों में होती है। ऐसे में उनकी टिकट एक बार फिर से वर्तमान डबवाली विधानसभा सीट से पक्की मानी जा रही है। यदि ऐसा होता है तो आगामी चुनाव में सिरसा जिले की 5 में से 3 सीटों पर परिवार के आधा दर्जन से ज्यादा सदस्य चुनाव लड़ते नजर आएंगे।

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देवीलाल परिवार से अब तक 29 बार बने हैं विधायक

देवीलाल परिवार की बड़ी राजनीतिक विरासत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिवार से अब तक आठ सदस्य 29 बार विधायक बने हैं। खुद देवीलाल 2 बार देश के उप-प्रधानमंत्री बने एवं 2 बार मुख्यमंत्री रहे। उनके बेटे ओपी चौटाला ओमप्रकाश चौटाला सबसे ज्यादा पांच बार हरियाणा के सीएम रह चुके हैं देवीलाल साल 1952 और 1959 में सिरसा, 1962 में फतेहाबाद, 1974 में रोड़ी, 1977 में भट्ट, 1982, 1985 और 1987 में महम से विधायक निर्वाचित हुए। इसी तरह से चौ. ओमप्रकाश चौटाला 1970 में ऐलनाबाद, 1990 में बड़वा, 1993 में नरवाना, 1996 में रोडी, 2000 में नरवाना, 2005 में रोडी, 2009 में उद्याना से विधायक निर्वाचित हुए। चौ. देवीलाल के बेटे प्रताप चौटाला 1967 में ऐलनाबाद से विधायक बने तो छोटे बेटे चौ. रणजीत सिंह 1987 में रोड़ी व 2019 में रानियां से विधायक चुने गए। देवीलाल के पौत्र हा. अजय चौटाला 1990 में राजस्थान के दाताराम गढ़, 1993 में नोहर से और 2009 में डबवाली से जबकि पौत्र अभय चौटाला 2000 में रोडी, 2010, 2014, 2019 और 2021 में ऐलनाबाद से विधायक चुने गए। इसी तरह से देवीलाल की पौत्रवधू नैना चौटाला 2014 में डबवाली एवं 2019 में बाढडा से विधायक बनीं जबकि चौ. देवीलाल के पड़पौत्र दुष्यंत चौटाला 2019 में उचाना से विधायक चुने गए थे।

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