राकेश सिंह
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने घाटी में मौजूद आतंकियों को अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए निर्देश दिए हैं जिसके मुताबिक आतंकियों को हिट एंड रन की रणनीति पर चलने को कहा है ताकि उनका नुकसान कम हो सके आईएसआई ने इसको लेकर लश्कर-ए-तैयबा को lead करने को कहा है जो विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ मिलकर इस रणनीति को अंजाम दें।आतंकियों को साफ तौर पर निर्देश दिया गया है कि ऐसे समय पर सुरक्षाबलों पर हमला करें जब वह तैनाती में व्यस्त हो ।खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में इसी तरह के हमले आतंकियों द्वारा सुरक्षाबलों पर किए जाएंगे
वहीं ISI के निर्देश पर आतंकी धार्मिक भावनाओं को भड़काने की फिराक में भी हैं। अपने इस नापाक इरादे को अंजाम देने के लिए वे अल्पसंख्यकों और धर्मस्थलों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। आतंकियों के मंसूबों के मद्देनजर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के बाद प्रशासन ने अल्पसंख्यक बस्तियों और धर्मस्थलों की सुरक्षा और कड़ी करनी शुरू कर दी है।
गृह मंत्रालय से जुड़े हुए आला अधिकारी ने द डेली गार्डियन को बताया कि पाकिस्तानी एजेंसीआई एस आई के निर्देश के पीछे मूल कारण यह हैं
.पहला यह कि इस वर्ष 150 से अधिक आतंकी मारे गए हैं। जिनमें कई कमांडर भी शामिल हैं। दूसरा कारण यह है कि मारे गए आतंकियों की कमी को पूरा करने के लिए स्थानीय भर्ती में भी आतंकी संगठन असफल रहे हैं। इन दोनों कारणों की वजह से आतंकी खेमों में हताशा है। कुछ भटके हुए युवा भी हैं, तो उनके पास हथियारों की कमी है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर ही कश्मीर में आतंकी संगठनों की तरफ से एक बैनर तले काम करके हमले किए जाने लगे हैं। जिससे की बचे हुए आतंकियों को बचाया जा सके। सूत्रों के मुताबिक पाक में बैठे बड़े कमांडरों के इशारे पर काम करना इसलिए शुरु किया गया है। ताकि कमांडरों की कमी को पूरा किया जा सके .।सीमा पार से घुसपैठ ना होने के कारण कमांडरों की कमी आ गई है। क्योंकि सीमा पार से पाकिस्तानी आतंकी नहीं आ रहे है। जिससे की इस तरफ अब कमान स्थानीय आतंकियों के हाथों में रह गई है। अगर सीमा पार से आतंकी आते थे तो फिर उन्हें ग्रुपों की कमान दी जाती थी। फिर वह पाक के इशारे पर कश्मीर में आतंक संगठनों को चलाते थे।
वही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और पाकिस्तानी सेना के निर्देश पर आतंकियों ने रणनीति में एक और बदलाव किया है आतंकी संगठनों द्वारा कार्रवाई को अंजाम देते समय हमले की रिकॉर्डिंग के लिए आतंकियों को बॉडी कैमरे दिए गए हैं। इसका खुलासा टीआरएफ द्वारा जारी किए गए एक वीडियो के दौरान किया गया है। इसमें उन्होंने क्रीरी बारामुला में किए गए हमले के कुछ फोटो जारी किए हैं। उस वीडियो में लिखा गया है कि जल्द हमले की वीडियो भी जारी की जाएगी। सूत्रों की मानें तो अब जैश, लश्कर और अल बदर के आतंकी मिलकर काम कर रहे हैं और सभी को बॉडी कैमरे दिये गए हैं जिससे वह हमले की रिकॉर्डिंग कर सके।
खुफिया एजेंसी से जुड़े हुए अधिकारी ने द डेली गार्डियन से बातचीत में कहा कि कि हमले के वीडियो जारी करके आतंकवादी फिर से आतंक फैलाना चाहते हैं। लेकिन उनके नापाक मंसूबों को हम सफल नहीं होने देंगे। पिछले सात महीने में विभिन्न संगठनों के 26 टॉप कमांडर मारे गए। वही 150 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया है