योग आसनों के बाद हर व्यक्ति को प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। यहां ऐसे 5 प्राणायाम के बारें में बता रहे हैं, जिनका रोजाना अभ्यास करना चाहिए। यहां जिस क्रम में प्राणायाम दिए गए हैं, उसी क्रम में करने चाहिए। प्राणायाम के बाद सीधे ध्यान में उतरा जा सकता है। यहां बता दें कि कपालभाति को प्राणायाम के तहत नहीं माना जाता। कपालभाति कफ संबंधी विकारों को दूर करने में बहुत सहायक है। सर्दी, जुकाम, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस को ठीक करता है। अनुलोम विलोम (नाड़ी शोधन प्राणायाम) तनाव और एंजायटी को कम करता है और प्राण शक्ति को बढ़ाता है। कफ से संबंधित गड़बड़ियों को दूर करता है। चित्त को शांत करता है और एकाग्रता को बढ़ाता है।
उज्जयी प्राणायाम से ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद मिलती है और हार्ट रेट कम होता है। नींद न आने और माइग्रेन में भी यह फायदेमंद है। अस्थमा और टीबी को ठीक करने में मददगार है। भ्रामरी प्राणायाम गुस्सा और बेचैनी को कम करता है और तनाव से छुटकारा दिलाता है। मन शांत हो जाता है। भस्त्रिका प्राणायाम शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मददगार है और सांस संबंधी बीमारियों को ठीक करता है। शरीर में आक्सिजन की सप्लाई को बेहतर बनाता है और रक्त को शुद्ध करता है। शीतली प्राणायाम शरीर को ठंडा रखने में मददगार है। एसिडिटी और हाइपरटेंशन को ठीक करता है।