कैंटर को छोटे टिप्पर में तब्दील कर रेत से भरे टिप्पर कॉजवे से बाहर निकल रहे
डेराबस्सी, मेजर अली
डेराबस्सी विधानसभा क्षेत्र में घग्गर नदी पर बने कॉजवे पर भारी वाहनों को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कई बार लोहे के ओवरहेड का निर्माण किया गया है। रात के अंधेरे में खनन खदानों और रेत-बजरी के काम में लगे टिप्परों द्वारा इसे कई बार तोड़ा गया। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात टिप्पर चालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बावजूद सरकार में प्रभाव रखने वाले माफिया राज ने इसे फिर से तोड़ दिया। जिसके बाद प्रशासन ने इसकी दोबारा मुरम्मत करवाई और यहां सीमेंट के बैरिकेड्स लगाकर बड़े वाहनों का निकलना बंद कर दिया था l जिन्होंने प्रशासन के इस काम का हल निकाल लिया और कैंटर को छोटे-छोटे टिप्परों में तब्दील कर बाहर निकाला जा रहा है l इस तरह ये टिप्पर घग्गर नदी पर बने कॉजवे से आसानी से निकल सकेंगे। जिसके चलते रेत-बजरी से भरे ये वाहन मुबारकपुर ढकौली रोड पर दिन भर दौड़ते रहते हैं। जिसके कारण उक्त सड़क पर वाहनों की संख्या बढ़ गयी हैl जिससे कभी भी भयानक दुर्घटना घट सकती हैl स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे पहले भी खनन में लगे टिप्परों की चपेट में आने से बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं अपनी कीमती जान गंवा चुके हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कैंटरों को छोटे टिप्पर में बदलने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है l उन्होंने कहा कि इन छोटे टिप्परों के कारण घग्गर नदी पर बना कॉजवे क्षतिग्रस्त हो सकता है। क्योंकि पिछले साल इन्हीं दिनों हुई बारिश के कारण घग्गर नदी पर बना कॉजवे बुरी तरह टूट गया था और कई महीनों तक यहां से ट्रैफिक अवरुद्ध हो गया था। स्थानीय गांव के लोगों ने कहा कि अगर घग्गर पर चल रहे खनन कार्य में इन छोटे टिप्परों को घग्गर पर बने कॉजवे से नहीं रोका गया तो निकट भविष्य में इसके गंभीर परिणाम होंगे। जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और पंजाब सरकार की होगी।
कैप्शन:- कैंटरों को छोटे टिप्पर में बदलने के बाद घग्गर नदी पर बने कॉजवे पर बने लोहे के ओवरहेड के नीचे से निकलते हुए टिप्पर की तस्वीर l