खूबसूरत फिगर के लिए अपनाएं ये चार योगासन…

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अच्छा स्वास्थ्य किसे कहते हैं? अच्छे स्वास्थ्य वाले व्यक्ति का शरीर हल्का और मन प्रसन्न रहता है। अच्छे स्वास्थ्य की हालत में आदमी उछलता, कूदता, गाने गाता, मुस्कुराता और खूब हंसता है। हर कार्य फुर्ती से करता है। घोड़े बेचकर गहरी नींद सोता है। ज़िंदादिल और हौसले वाला होता है। इस सुख को भोगने के लिए शरीर के वज़न का ख़ास ख्याल रखना चाहिए।

कटिचक्रासन
इस आसन से ऊपरी पीठ, कंधे, गर्दन, कमर और हिप्स शेप में आते हैं। इसके अभ्यास से पीठ के ऊपरी हिस्से और गर्दन के दर्द से भी राहत मिलती है।

सीधे खड़े हो जाएं। आपके पैरों में कंधे जितना गैप हो। अपनी बाज़ुएं कंधे के स्तर तक साइड से उठाएं (तस्वीर में देखें)। सांस छोड़ें और कमर से दाईं तरफ मुड़ना शुरू करें। अपनी दाईं हथेली अपने बाएं कंधे के ऊपर रखें और अपनी बाईं कलाई को अपनी पीठ के निचले हिस्से पर जमाएं। तस्वीर में ध्यान से देखें, इस वक्त आप इस मुद्रा में हैं। जहां तक आरामदायक हो, उतना पीछे मुड़कर देखें। सांस छोड़ते रहें और कमर से पीछे की ओर मुड़ते रहें। इस मुद्रा में एक मिनट के लिए रहें और गहरी सांस लेते रहें। अब स्टेप-बाइ-स्टेप उस मुद्रा में पहुंचे, जहां से शुरू किया था। अब इसे दूसरी तरफ दोहराएं। यह पहला राउंड है। इस आसन के लिए 5-7 राउंड्स करने चाहिए।

तिर्यक कटिचक्रासन
इस आसन से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों मजबूत होती हैं, कमर के आसपास की चर्बी घटती है और कमर पतली होती है।

सीधे खड़े हो जाएं। आपके पैरों में कंधे जितना गैप होना चाहिए। अपने दोनों हाथ सीधे ऊपर उठाएं। ध्यान रहे कि बाजुओं की कोहनी मुड़ न रही हों। अपने एक हाथ की उंगलियां दूसरे हाथ में फंसा दें। हथेलियां ऊपर की ओर रहेंगी। सांस छोड़ें और आगे की तरफ झुकते रहें, जब तक कि 90 डिग्री एंगल नहीं बन जाता। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में झुकने के बाद भी कमर फ्लैट रहेगी और टांगें बिल्कुल सीधी, तभी 90 डिग्री एंगल बन पाएगा। अब अपनी उंगलियों की तरफ देखने की कोशिश कीजिए। अपनी सांसें थाम लीजिए और इसी मुद्रा में पहले दाहिनी ओर घूमिए, फिर बाईं तरफ और अब सेंटर में आ जाएं। जहां से शुरुआत की थी, उसी मुद्रा में आने के लिए गहरी सांस लीजिए औरबाज़ू ऊपर उठाएं। यह पहला राउंड था। इसी तरह 10 राउंड्स का अभ्यास करें।

नमस्कार आसन
इस आसन से हिप्स और टांग शेप में आ जाते हैं। इससे शरीर के निचले हिस्से में रक्त परिसंचरण में भी सुधार आता है।

अपने कंधे की चौड़ाई जितने पैर खोलकर खड़े हो जाएं। अपने हाथ जोड़ लें,जैसे किसी को नमस्कार करते हैं। गहरी सांस लें और अपने शरीर का पूरा वज़न अपने पैरों पर डाल दें। इसे कहते हैं स्कैवटिंग पोजिशन। इस वक्त आप अपनी जांघों के बीच नमस्ते मुद्रा में बैठे हैं। अपनी गर्दन और पीठ सीधी रखें। अपनी कोहनियों से दोनों तरफ जांघों को धक्का मारें। इस दबाव से जांघों के बीच और जगह बन जाएगी। नमस्कार करते हुए ही बाहें आगे की तरफ खींचे। यानी आपकी हथेलियां अभी भी जुड़ी हुई हैं। अब अपने सिर और धड़ को जांघों के बीच झुकाते हुए नमस्ते की मुद्रा में ही एक मिनट के लिए बैठे रहें। आप चाहें तो आंखें बंद भी कर सकते हैं। इससे आपको खूब आराम मिलेगा। एक मिनट के बाद आराम से खड़े हो जाएं। यह पहला राउंड था। ऐसे 5 राउंड्स करने चाहिए।

द्रुत उत्कटासन
इस आसन से आपके हिप्स शेप में आते हैं और टांगें मजबूत होती हैं। इससे आपकी सहनशक्ति में भी सुधार आता है।

नमस्ते मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं। आपके पैरों के बीच कंधे की चौड़ाई जितना गैप होना चाहिए। गहरी सांस लें, अपने हाथ ऊपर उठाएं। इस वक्त आप सिर के ऊपर हाथ जोड़कर खड़े हैं। अब सांस छोड़ें और धीरे-धीरे नीचे बैठने की कोशिश करें। अपने शरीर का सारा वज़न अपने पैरों पर डाल दें। उतना ही नीचे बैठिए, जितना आपको आरामदायक लगे। सांस लेते हुए खड़े हो जाएं। फिर सांस छोड़ते हुए दोबारा नमस्ते मुद्रा में बैठ जाएं। यह पहला राउंड है। इसके 5-7 राउंड्स करें।