कहा, केवल गांधी परिवार ही पार्टी की खोई हुई शान बहाल कर सकता है
चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गांधी परिवार की लीडरशिप को चुनौती देने वाले पार्टी के ही कुछ नेताओं द्वारा चलाई गई मुहिम का विरोध करते हुए कहा है कि यह समय ऐसे मामले उठाने का नहीं बल्कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का कड़ा विरोध करने का है, जिन्होंने देश के संविधान की आत्मा और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का दमन किया है।
यहां रविवार को जारी एक बयान में सीनियर कांग्रेसी नेता ने कहा कि एनडीए की सफलता का मुख्य कारण मजबूत और एकजुट विपक्ष की कमी है तथा कांग्रेस के इन नेताओं द्वारा इस नाजुक मोड़ पर पार्टी में बदलाव की मांग किया जाना, पार्टी और देश के हितों के लिए नुकसानदायक है।
उन्होंने कहा कि भारत इस समय सिर्फ सरहद के बाहरी खतरों का ही सामना नहीं कर रहा, बल्कि इसके संघीय ढांचे को भी अंदरूनी खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एकजुट कांग्रेस ही देश और देशवासियों को बचा सकती है। लीडरशिप बदलने की मांग को अस्वीकार्य बताते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि गांधी परिवार का देश की तरक्की में, आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक अथाह योगदान है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसी लीडरशिप की जरूरत है, जो सारी पार्टी और इसके नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी काडर को देश के बड़े हितों में स्वीकार हो। उन्होंने कहा कि इस भूमिका में गांधी ही खरे उतरते हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जब तक चाहें तब तक कांग्रेस का नेतृत्व करें और उसके बाद राहुल गांधी कमान संभालें। वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में एक भी ऐसा गांव नहीं है, जहां संविधान के सिद्धांतों, अधिकारों और आजादी को कायम रखने की विचारधारा को आगे ले जाने वाला कांग्रेसी मेंबर न हो। इसका श्रेय गांधी परिवार को ही जाता है, जिनकी नि:स्वार्थ प्रतिबद्धता, समर्पण की भावना और बलिदान के बिना पार्टी भाजपा व इसकी देश को जाति तथा धर्म के नाम पर बांटने की संघीय लालसाओं के सामने चट्टान की तरह खड़ा नहीं हो सकती थी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आज के समय में भारत की संवैधानिक शक्ति के सबसे बड़े आधार को खतरा बना हुआ है, इसलिए जरूरी है कि हर कांग्रेसी वर्कर गांधी परिवार के पीछे पूरी दृढ़ता से एकजुटखड़ा हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मौजूदा समय में ऐसा कोई नेता नहीं है, जो कि पार्टी को इस तरह की मजबूत लीडरशिप दे सके। उन्होंने सभी से अपील की कि वह अपने निजी हितों की बजाय पार्टी और देश के हितों को पहल दें।
मुख्यमंत्री ने यह बात जोर देकर कही कि गांधी ही कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सर्व व्यापक मान्यता प्राप्त चेहरा हैं, जिनकी पांच पीढिय़ों ने आजादी से पहले के समय से देश की सेवा की है। मोती लाल नेहरू, आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावी हार कभी भी लीडरशिप परिवर्तन का पैमाना नहीं होती। उन्होंने कहा कि इस समय कांग्रेस नीचे की ओर है, इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी को ऊपर उठाने में गांधी परिवार के योगदान को भुला दिया जाए। भाजपा दो संसदीय सीटों से देश का नेतृत्व करने वाली पार्टी बनी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी फिर से उठेगी और यह सिर्फ गांधी की लीडरशिप में ही संभव होगा।
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