HKV received a grant of 94 lakh rupees for research हकेवि संकाय सदस्य को मोटा अनाज पर शोध हेतु डीएसटी से मिला अनुदान

0
6

HKV is among the top three institutions to receive the grant (नीरज कौशिक) महेंद्रगढ़: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पोषण जीव विज्ञान विभाग में संकाय सदस्य डॉ. अनिता कुमारी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) से साइंस एंड हेरिटेज रिसर्च इनीशिएटिव (एसएचआरआई) सेल के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के अंतर्गत मोटा अनाज पर शोध हेतु 94 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय इस पहल के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने वाले तीन प्रमुख संस्थानों में शामिल है। विश्वविद्यालय के साथसाथ इस शोध कार्य हेतु एनआईएफटीईएमटी जामिया हमदर्द को भी यह अवसर प्राप्त हुआ है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार और समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने डीएसटी, एसएचआरआई सेल से अनुसंधान अनुदान प्राप्त करने के लिए परियोजना टीम को बधाई दी और कहा कि यह निश्चित रूप से विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देगा और समाज के कमजोर वर्ग के बीच गैरसंचारी रोगों के प्रबंधन के लिए स्थायी समाधान प्रदान करेगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, शोध अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार शर्मा, स्कूल ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड साइंसेस के डीन प्रो. दिनेश कुमार गुप्ता और पोषण जीवविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कांति प्रकाश शर्मा ने भी परियोजना प्राप्त करने वाली टीम को बधाई दी।

डीएसटी ने वर्ष 2023-24 के लिएमोटा अनाज आधारित खाद्य उत्पादों का विकासः अनुकूलन, लक्षण वर्णन और सत्यापनकेंद्रित अनुसंधान एवं विकास परियोजना हेतु हकेवि के पोषण जीवविज्ञान विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का स्वीकृति प्रदान की है। इस परियोजना के अंतर्गत विभाग की सहायक आचार्य अनिता कुमारी प्रमुख अन्वेषक तथा सहआचार्य डॉ. अश्वनी कुमार, सहप्रमुख अन्वेषक हैं। डॉ. अनिता कुमारी ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से डीएसटी का उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों के बीच नवीन अनुसंधान विचारों को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है, जिसका बड़े पैमाने पर समाज पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वीकृत परियोजना के मुख्य आकर्षण में स्थानीय आबादी के बीच ऑन और ऑफकैंपस प्रशिक्षण के माध्यम से विकसित तकनीक का प्रसार शामिल है, जो कौशल विकास, रोजगार सृजन और गैरसंचारी रोगों के प्रबंधन के लिए नियमित आहार में शामिल करने के लिए मोटा अनाज को लोकप्रिय बनाने में सहायता करेगा।

फोटोहरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़।
SHARE