तेनालीराम : जूते मारने वाली चमेली TenaliRam: Shoe-Wielding Jasmine

तेनालीराम का कोई भाई नहीं है। फिर भी तेनालीराम ने लड़की बारे में पूछा कि आखिर लड़की कैसी है? उसके बारे में कुछ बताओ।” वह बोला, “ लड़की का नाम चांदकुमारी है। वह बहुत ही सुंदर है।”

0
506
TenaliRam: Shoe-Wielding Jasmine

तेनालीराम : जूते मारने वाली चमेली TenaliRam: Shoe-Wielding Jasmine

आज समाज डिजिटल, अम्बाला
TenaliRam: Shoe-Wielding Jasmine : चाननपुर गाँव में चांदकुमारी नाम की रूपवती कन्या रहती थी। वह विवाह के योग्य हो गई थी लेकिन माँ के व्यवहार से उसका विवाह नहीं हो पा रहा था। उसकी माँ का नाम चमेली था जो अपने पति माधो को रोज़ सात जूते मारा करती थी। बात यह दूर – दूर तक के लोगों को पता होने के कारण चांदकुमारी को बहु नहीं बनाना चाहता था। एक बार तेनालीराम घर पर आराम कर रहा था कि अचानक उसका एक दूर का रिश्तेदार चाँदकुमारी का रिश्ता लेकर उसके घर पहुँच गया। वह भी तेनालीराम से जलनेवालों में से एक था। वह तेनालीराम के पास जाकर बोला मैं एक रिश्ता लेकर आया हूँ तुम अपने छोटे भाई का रिश्ता ले लो। वह ये नही जानता था की तेनालीराम का कोई भाई नहीं है। फिर भी तेनालीराम ने लड़की बारे में पूछा कि आखिर लड़की कैसी है? उसके बारे में कुछ बताओ।” वह बोला, “ लड़की का नाम चांदकुमारी है। वह बहुत ही सुंदर है।

Read Also : तेनाली राम : चूहा और भगवान

TenaliRam: Shoe-Wielding Jasmine

महूर्त का समय तेनालीराम को जाकर बता दिया

तेनालीराम ने भी उसकी माँ को बारे में बहुत कुछ सुन रखा था लेकिन फिर भी उसने रिश्ते के लिए हामी भर दी। अब वह रिश्तेदार चमेली के घर पहुँच गया और उसने ये खुशखबरी चमेली को सुनाई। चमेली यह खबर सुनकर बहुत खुश हो गई और उसने बहुत जल्दी शादी का महूर्त निकलवाकर उसे बता दिया। अब उसने महूर्त का समय तेनालीराम को जाकर बता दिया। तेनालीराम ने उसे खिला -पिलाकर विदा किया।उसके जाने के बाद तेनालीराम सोचने लगा कि अब छोटा भाई कहाँ से लाया जाए? मेरा तो कोई छोटा भाई है ही नहीं।  छोटे भाई की खोज में वह नगर की ओर चल पड़ा। उसने एक परेशान युवक को देखा।तेनालीराम ने उसके पास जाकर उसकी परेशानी का कारण पूछा तो उसने सारी बात बता डाली। तेनालीराम ने उसे काम देने का वादा कर लिया लेकिन उसके सामने एक शर्त रख दी। उसने तेनालीराम से शर्त के बारे में पूछा। तेनालीराम बोला कि मैं जिससे कहूँ तुम्हे उस लड़की से शादी करनी पड़ेगी। वह युवक तैयार हो गया।

Read Also : महादेव की आराधना से मिलता है मोक्ष Worship Of Mahadev Gives Salvation

Read Also : तुरंत प्रसन्न हो जाएंगी मां Mother Pleased Immediately

TenaliRam: Shoe-Wielding Jasmine

बेचारा माधो बेटी के साथ उसके ससुराल चला गया

महूर्त के अनुसार उसका विवाह हो गया। चांदकुमारी को विदा करते समय उसकी माँ ने उसे भी अपने पति को रोज़ जूते मारने की सलाह दी। चमेली बोली कि बेटी मैंने तेरे पिता को अपने वश में कर रखा है। अगर तू भी अपने पति को अपने वश में रखना चाहती है तो तू अपने पति को सात की जगह रोज़ पंद्रह जूते मरना।”
चांदकुमारी ने अपनी माँ की बातों पर हामी भर दी।अब जैसे ही बेटी चल दी तो चमेली ने माधो को उसके साथ जाने के लिए कहा। बेचारा माधो अपनी बेटी के साथ उसके ससुराल चला गया। चांदकुमारी ने ससुराल आकर देखा की तेनालीराम और उसके पति का स्वभाव तो बहुत अक्खड़ है। वह उनसे डरकर रहने लगी लेकिन वह फिर भी अपने पति को जैसे -तैसे रोज़ पंद्रह जूते मार ही देती थी। वही जब तेनालीराम ने माधो का टूटा बदन देखा तो वह समझ गया की यह जरुर सब उसकी पत्नी की वजह से ही ऐसा है। तब तेनालीराम ने माधो को चार – पांच महीने अपने पास रखकर उसे मोटा – तगड़ा कर दिया और फिर उसे अपने घर जाने को कहा। (TenaliRam: Shoe-Wielding Jasmine)

Read Also : अक्षय तृतीया: शुभ मुहूर्त और शुभ कार्य Good Luck And Good Work

Read Also : 10 Largest Hanuman Statues भारत में यहां है 10 सबसे विशालकाय बजरंगबली की प्रतिमाएं

जूते मारने में बहुत ही मज़ा आएगा

जब माधो चलने लगा तो तेनालीराम ने उसे एक मोटा सा लोहा चढ़ा डंडा देते हुए कहा, “ डरने से कुछ नहीं होगा ,यह सब तुम्हारी ही कमी है अगर तुम पहले से ही कठोर बनकर रहते तो ऐसा कभी नहीं होता।” तेनालीराम की बात सुनकर माधो अच्छे से समझ चूका था कि तेनालीराम क्या कहना चाहता है। डंडा लेकर माधो अपने घर पहुँच गया। माधो को घर देखकर चमेली खुश हो गई। उसने पहले तो माधो का अच्छी तरह स्वागत किया और फिर उसे पीढ़े पर बिठाकर जूता लेने चली गई। वह मन ही मन बहुत खुश थी कि अब तो उसका पति मोटा हो गया है और वैसे भी मैंने कितने महीने से उसे जूते से नहीं मारा।अब तो जूते मारने में बहुत ही मज़ा आएगा। जैसे ही वो जूता लाकर माधो को मरने चली तो माधो ने उसे डंडे से पीटना शुरू कर दिया। चमेली जोर – जोर से चिल्लाने लगी जिसकी वजह से आसपास के लोग वहाँ आ गए और जैसे – तैसे उसे पीटने से बचाया।उसके बाद से उसने कभी भी माधो को नही मारा और अब वह जैसा कहता चमेली वैसा ही करती। अपने पति का ये रूप देखकर चमेली ने बेटी भी समझा दिया कि ज़िन्दगी में वो ऐसी गलती कभी ना करे। हमेशा अपने पति की बात माना करे। (TenaliRam: Shoe-Wielding Jasmine)

Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook

SHARE

 

SHARE